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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palग्रामीण पृष्ठभूमि में पले - बढे मूल रूप से देवरिया उत्तर प्रदेश के निवासी नन्हे कुमार गौतम अपना बी० ए० , एम० ए०, बी० एड० की पढाई दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर से की, नन्हे कुमार गौतम वर्तमान में एक शिक्षक पद पर कारRead More...
ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले - बढे मूल रूप से देवरिया उत्तर प्रदेश के निवासी नन्हे कुमार गौतम अपना बी० ए० , एम० ए०, बी० एड० की पढाई दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर से की, नन्हे कुमार गौतम वर्तमान में एक शिक्षक पद पर कार्यरत हैं। फेसबुक, टिवटर, इन्स्टाग्राम, पर अपना लेख लिखते रहते है। उपन्यास लेखन में "मेरी प्रेम कहानी " इनका पहला कृत है।
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एक बार थॉमस अल्वा एडिसन अपनी स्कूली पढ़ाई कर रहे थे l उस समय उनके टीचर उनके प्रतिभा को समझ न पाने के कारण उनकी मां को एक पत्र लिखा l उस पत्र में यह लिखा गया था कि आपका पुत्र दिमागी रूप
एक बार थॉमस अल्वा एडिसन अपनी स्कूली पढ़ाई कर रहे थे l उस समय उनके टीचर उनके प्रतिभा को समझ न पाने के कारण उनकी मां को एक पत्र लिखा l उस पत्र में यह लिखा गया था कि आपका पुत्र दिमागी रूप से कमजोर है l इसको इलाज की जरूरत है l जब उनकी मां को यह पता चला तो वह चिंतित हो गए, तभी अल्वा एडिसन ने पूछा कि क्या हुआ मां की तुम रो रही हो इस पत्र में क्या लिखा है l तभी उसकी मां बोली,इस पत्र में यह लिखा गया है कि आपका लड़का बहुत ही प्रतिभाशाली है इसके लिए हमारा स्कूल सक्षम नहीं है इसलिए आप अपने बच्चों को घर पर ही पढ़ाई है l एक बार थॉमस अल्वा एडिसन अपने घर के सारे पत्र-पत्रिकाओं को देखा तो उसमें यह कागज उनको प्राप्त हुआ और उन्होंने इस पत्र को पढ़ा l तब वह बहुत भावुक हो गए l इस घटना से हमें यह पता चलता है कि अगर हम किसी को बार-बार उसकी कमियों को दिखाते हैं तो उसके भीतर आत्मविश्वास की कमी होने लगती है अगर हम उस आत्मविश्वास को बढ़ने दें तो हम एक सफल इंसान बन सकते हैं l यही काम थॉमस अल्वा एडिसन की मां ने किया l मनुष्य का आत्मविश्वास ही उसको सफल बनाता है कभी भी मनुष्य को आत्मविश्वास की कमी नहीं होने देना चाहिए l अगर आत्मविश्वास की कमी होती थॉमस अल्वा एडिसन को तो वह कभी भी इतनी बड़ा अविष्कार नहीं कर पाता आज हम बल्ब का प्रयोग कर रहे है l इसमें थॉमस अल्वा एडिसन का बहुत बड़ा योगदान है l
मेरे दोस्त यह कहानी नहीं है। यह उस समाज का आईना है जिस समाज में हम रहते है। हमारे समाज में बहुत सारे ऐसे मतभेद पाए जाते है जो दो प्रेम करने वाले युगल प्रेमी को दूर करने में अहम भू
मेरे दोस्त यह कहानी नहीं है। यह उस समाज का आईना है जिस समाज में हम रहते है। हमारे समाज में बहुत सारे ऐसे मतभेद पाए जाते है जो दो प्रेम करने वाले युगल प्रेमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें जाति धर्म और पंथ का बहुत बडा योगदान है। इसी जाति धर्म के वजह से दो प्रेमी एक दूसरे से मिल नहीं पाते है। आए दिन अखबारों में देखने को मिलता है। यह कहानी अवनीश नाम के लडके और अस्मिता नाम की लडकी का है। यह दोनो लोग भी जाति धर्म के बंधन से ऊपर उठकर मुहब्बत करते है जिससे वह एक दूसरे से मिल सके और साथ जीवन बिता सकें। दोस्तो यह कहानी के हर पेज को पढिए और इस कहानी से समाज को समझने का प्रयास करें आपसे विनम्र निवेदन है।
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