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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
यह एक किताब नहीं अपितु निर्माण है अखण्ड भारत का, भारत की व्यवस्था का, भारत की राजव्यवस्था का, भारत की लोकव्यवस्था का। यह निर्माण है सनातन धर्म का, भारत भूमि का, मानवता का, प्रकृत
यह एक किताब नहीं अपितु निर्माण है अखण्ड भारत का, भारत की व्यवस्था का, भारत की राजव्यवस्था का, भारत की लोकव्यवस्था का। यह निर्माण है सनातन धर्म का, भारत भूमि का, मानवता का, प्रकृति के उद्धार का। यह किताब भारत की सनातन व्यवस्था है, यह किताब भारत के भविष्य की व्यवस्था है। यह किताब भविष्य के भारत की व्यवस्थाओ पर प्रकाश डालती है। 15 अगस्त 1947 को भारत देश तो आजाद हुआ परन्तु विदेशी हुकूमतो की व्यवस्था से आजादी नही मिली। आज भी भारत देश मे शासन विदेशी व्यवस्था से ही चलाया जाता है। भारत देश मे बहुत से समाजसेवी एंव देशभगत हुए जिन्होने भारत देश के लिए बहुत से अच्छे कार्य किए परन्तु उनकी अच्छाई कभी व्यवस्था तक नही पहुच पाई। उनकी अच्छाई केवल अनशन और भाषण तक ही सिमित रह गई। भारत देश को अभी तक सबसे ज्यादा नुकसान व्यवस्था के कारण ही हुआ है। विदेशी धर्म के लोग अपने धर्म की शिक्षा दे सकते है ये संविधान मे है परन्तु हिंदु अपने धर्म की शिक्षा नही दे सकते है ये भी संविधान मे है। देश की रक्षा करने वाले सैनिको से कर लिया जाएगा ये संविधान मे है जबकि नेताओ से कोई कर नही लिया जाएगा ये भी संविधान मे है। मतदाता केवल एक ही स्थान से मत दे सकता है ये संविधान मे है परन्तु एक नेता दो स्थान से भी चुनाव लड सकता है ये भी संविधान मे है। भारत देश को सबसे ज्यादा नुकसान व्यवस्था के कारण ही हुआ है इसलिए ये किताब भारत देश की वर्तमान व्यवस्था की कमियो पर प्रकाश डालती हुई नई व्यवस्थाओ की संरचना के बारे मे है। “अखण्ड भारत” समाज के किसी एक वर्ग या समुदाय के खिलाफ न होकर समाज के सभी वर्गों, समुदायों, सरकारी व्यवस्था एवं सरकारी योजनाओ पर प्रकाश डालती हैं। अखण्ड भारत देशवासियो के लिए चेतना है और दुश्मनो के लिए चेतावनी।
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