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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजन्मतिथि--16 नवम्बर।शिक्षा: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. एवं रूसी भाषा में डिप्लोमा। प्रयाग संगीत समिति से शास्त्रीय संगीत में प्रभाकर। ‘राग मारवा’ प्रथम कहानी संग्रह। राजपाल एन्ड संस से प्रकाशित और "महाराषRead More...
जन्मतिथि--16 नवम्बर।
शिक्षा: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. एवं रूसी भाषा में डिप्लोमा।
प्रयाग संगीत समिति से शास्त्रीय संगीत में प्रभाकर।
‘राग मारवा’ प्रथम कहानी संग्रह। राजपाल एन्ड संस से प्रकाशित और "महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी से पुरस्कृत"
-----राग मारवा कहानी संग्रह को -म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन का वागीश्वरी सम्मान प्राप्त।
-----आकाशवाणी की बेस्ट announcer/ सर्वश्रेष्ठ उद्घोषिका का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त।
अगला कथा संग्रह शीघ्र प्रकाश्य।
"प्रेम गली अति सांकरी" पहला उपन्यास।
देश भर के तमाम शहरों के साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंच संचालन।
संप्रति: देश के सबसे लोकप्रिय रेडियो चैनल विविध भारती में उद्घोषिका। रेडियो-सखि के नाम से मशहूर।
विविध भारती से अपनी अनेक कहानियों का वाचन। नाटकों में सहभाग।
ऑडियो ब्लॉग कॉफ़ी हाउस के ज़रिये तमाम मशहूर लेखकों और अपनी कहानियों का वाचन
ब्लॉग "बतकही"
मुम्बई के पहले हिंदी सांध्य दैनिक "निर्भय पथिक" में बतौर उप-संपादक कार्य किया।
एक हिन्दी वार्षिक कैलेण्डर का संपादन।
तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां संस्मरणऔर लेख प्रकाशित।
Achievements
रिश्तों में प्रेम-बैर, आत्म-सम्मान और आपसी नोक-झोंक से पगे इस उपन्यास में सामाजिक विसंगतियां तो हैं ही, स्त्री की स्वच्छंदता और आत्म-निर्भरता के लिए उठाया गया साहसी निर्णय भी है।
रिश्तों में प्रेम-बैर, आत्म-सम्मान और आपसी नोक-झोंक से पगे इस उपन्यास में सामाजिक विसंगतियां तो हैं ही, स्त्री की स्वच्छंदता और आत्म-निर्भरता के लिए उठाया गया साहसी निर्णय भी है। एक स्त्री मेडिकल साइंस की अत्याधुनिक तकनीक से ख़ुद को समृद्ध करती है लेकिन इस व्यवस्था पर कुछ ज़रूरी सवाल भी छोड़ती है। कृत्रिम गर्भधारण को अपनी आय का ज़रिया बनाकर समाज को आईना दिखाने वाली स्त्री जब ख़ुद को कष्ट से भेदती है, तो वह यह भी मानती है कि इससे उसके जैसी तमाम स्त्रियों के जीवन में फूल खिलेगा। यह पितृ-सत्तात्मक समाज की व्यवस्था में स्त्री पुरुष के बीच वैचारिक मतभेद और संवेदना की गझिन बुनावट की कहानी भी हैI एक संवेदनशील प्रेमी, पति बनकर कब हौले से प्रेम की सघन-वाटिका को काँटों से लबरेज़ कर देता है, इसकी ख़बर न उसे होती है, न उसकी पत्नी को। आधुनिक चिकित्सा तकनीक के इर्द-गिर्द बुने इस कथानक में, छोटी-छोटी खुशियाँ, बड़ी-बड़ी चुनौतियाँ और किरदारों के बीच सामंजस्य का बेहतरीन तालमेल है। उपन्यास का आकर्षक शिल्प और नर्म-ओ-नाज़ुक भाषा पाठकों के लिए इसे एक ज़रूरी किताब बनाती है।
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