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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजब से इन हाथों ने कलम थामी है | मन में उभरते विचारों को पहचान मिली है | अपनी इन्हीं भावनाओं को मैं इस पुस्तक के द्वारा सभी से रूबरू करना चाहती हूँ | बचपन से देखे स्वप्न को साकार करने की ओर यह मेरा पहला कदम है | इस पुस्तक में मैंने जिस Read More...
जब से इन हाथों ने कलम थामी है | मन में उभरते विचारों को पहचान मिली है |
अपनी इन्हीं भावनाओं को मैं इस पुस्तक के द्वारा सभी से रूबरू करना चाहती हूँ |
बचपन से देखे स्वप्न को साकार करने की ओर यह मेरा पहला कदम है | इस पुस्तक में मैंने जिस प्रकार मानवीय भावनाओं को अभिव्यक्त किया है उसी प्रकार भिन्न - भिन्न विषयों द्वारा पाठकों को रूबरू कराने का प्रयास आगे भी जारी रहेगा |
यह पुस्तक मैं अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति को समर्पित करना चाहती हूँ, वे है मेरे पिता स्व. श्री अजब लाल द्विवेदी जिनका आशीर्वाद इस पुस्तक के माध्यम से साकार होने जा रहा है |
- श्रद्धा चिराग भट्ट
Read Less...Achievements
ज़िन्दगी के पन्ने पर
हर लफ्ज़ में लिखीं
मेरी शख्सियत हैं
हर अलफ़ाज़ है
मेरी उम्मीदों की स्याही में डूबे
जो,पन्ने दर पन्ने
मेरे हौसलों की कहानी है कहते
“ज़िन्द
ज़िन्दगी के पन्ने पर
हर लफ्ज़ में लिखीं
मेरी शख्सियत हैं
हर अलफ़ाज़ है
मेरी उम्मीदों की स्याही में डूबे
जो,पन्ने दर पन्ने
मेरे हौसलों की कहानी है कहते
“ज़िन्दगी के हर दौर में हम कई भावनाओं से गुज़रते है| उन्हीं भावनाओं के हर पहलू को लेखिका ने छूने का सार्थक प्रयास किया है| प्रत्येक रचना पाठक के मनोमस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ती है|
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