Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
आज के आधुनिक काल में बढती भौतिकवादी आकांक्षाओं और पाश्चत्य जीवन जीने की लालसा से हमारी सामाजिक, नैतिक परम्पराऐं और विचार समाप्त होते जा रहे है | जिसके फलस्वरूप मनुष्य के जीवन मे
आज के आधुनिक काल में बढती भौतिकवादी आकांक्षाओं और पाश्चत्य जीवन जीने की लालसा से हमारी सामाजिक, नैतिक परम्पराऐं और विचार समाप्त होते जा रहे है | जिसके फलस्वरूप मनुष्य के जीवन में प्रतिपल दुःख और अवसाद बने रहते है। जीवन जीने की कला और चरित्र निर्माण के प्रति मानव उदासीन हो चला है।
इसलिए मानव के चरित्र, नैतिक विचारों और मानवीय संवेदनाओं के विकास एवं इनके प्रति जागरूकता के लिए आज मानवीय नैतिक विचारों का अनुशरण करके मानव की पूर्ण सार्थकता प्रदान हो सके इसी संदर्भ मे यह यह एक लघु प्रयत्न है कि मनुष्य सुख और शांति पाकर अपना जीवन सुलभ बना सके। यह एक संक्षिप्त बिचार संगम है शांतिपथ।
इस पुस्तक में मानव के नैतिक आचरण समबंधी बिचारों और मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूक करने के साथ मानव जाति के हित में प्रेरणादायक बिचारों को संक्षिप्त रूप में सरल और सुबोध भाषा में संकलित किया गया है, जो मानव के लिए लाभकारी होगी।
मन की शांति के लिए प्रार्थना काफी नहीं है, ज्यादा महत्वपूर्ण है अपने मानस को समझना और इसे दुःख देने वालों सन्तापों से निबटने का तरीका सीखना।
दलाई लामा
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.