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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकविता अपने मन के विचारों को कागज पर उतारकर आम आदमी तक पहुँचाने का सबसे आसान तरीका है । मैं पिछले एक दशक से कविता लिख रहा हूँ । मेरे पेट में खाना नहीं रहा तो चलता है पर मेरे जेब में पेन और कागज जरूर होता है । जब भी जो कुछ याद आता है तुरंत कागज पर लिख लैता हूँ। इन सारी रचनाओं में मैंने परिवार से सरहद तक हर किसी को याद किया है । छात्रों से लेकर युवाओं को पढ़ने में आनंद मिलेगा ऐसे विषयों को मैंनै मन से लिखने की कोशिश की है । इन कविताओं मैंने मेरे आसपास जो घटनाएँ हुई हो उन सब खट्टी-मीठी यादों के रूप में संजोने का प्रयास किया है । प्रेम,राजनीति,रिश्ते,परिवार,सैनिक भाई,अध्यापक,छात्र,इन सभी को अधूरी यादों की गुल्लक से जोड़ने का प्रयास किया है । मेरी ये सारी रचनाएं छात्र जीवन से लेकर अध्यापकीय जीवन तक लिखी गई है ।
दगा पाटील
दगा पाटील एम.ए.बी.एड हिंदी पता-मु.वनावल पो.जातोडे ता.शिरपुर जि.धुलिया जन्म आमदा तहसील पानसेमल मध्यप्रदेश पिछले एक दशक से हिंदी,मराठी अखबार,कुछ पत्रिका ओं में कविता एवं लघुकथा लिख रहा हूं ! मेरी लिखी मराठी कविता का हिंदी में और हिंदी में लिखी कविता मराठी में खुद अनुवाद करता हूं। पिछले पाच सालों से सहकार विदया मंदिर बुलढाणा में हिंदी अध्यापक के रूप में सेवाएं दे रहा हूं ।
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