यह कृति एक रोचक प्रेम कथा है। इसमें दो प्रेम करने वाले युवक और युवती के मध्य की परिस्थितिजन्य दूरियाँ, नजदीकियाँ तथा गलतफहमियों को रोचक ढंग से चित्रित किया गया है। जो अंत में सुखद अहसास के साथ खत्म होता है। यह प्रेम के अहसास का अलग रंग है जो अनकहा भी है और कहा भी। इसे आम बोलचाल की शैली में लिखा गया है अतः साहित्यिक शब्दों के चयन को प्रधानता नहीं दी गई है सिर्फ भावनाओं पर केन्द्रित शब्दों का चयन किया गया है। आशा है कि पाठक भाषाई गलतियों को क्षमा करते हुए कहा