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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसर्दी से ठिठुरती अंधेरी रात थी | नौ बजे जैसे आधी रात हो गयी हो, सब अपने अपने घर मे कम्बल रजाई लेकर सो गए थे। एक सुनसान सी गली में एक कार रुकी। कार से अजय उतरा और अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा। अभी एक हफ्ता हुआ था उसने नया किराए का घर लिया था। जेब से चाबी निकालकर ताले के अंदर चाबी घुसाने की सोच ही रहा था कि उसने देखा कि ताला तो खुला हुआ था।
" शायद जाते समय ठीक से ताला नही लगाया होगा" सोचते हुए अजय ने कुंडे से ताला निकाला और दीवार पर ठुकी हुई कील पर चाबी समेत टांक दिया और कुंडे को खोलकर अंदर बढ़ गया।
अंदर गया तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गयी।
संतोष भट्ट 'सोनू'
संतोष भट्ट "सोनू" उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के एक गाँव भेट से ताल्लुक रखते है। प्राम्भिक शिक्षा गाँव के ही प्राइमरी स्कूल राजकीय प्राथमिक स्कूल भेट (रॉनी) से कड़ने के बाद जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छानागोलू से मेट्रिक और राजकीय इंटर कॉलेज बगवालीपोखर से इन्होंने इंटर किया। बचपन से ही लिखने पढ़ने का शौक था लेकिन किताबे नही कहानी, कविता और उपन्यास।
इनकी कहानी सस्पेंस और थ्रिलर जॉनर की होती है। जिनमे शुरू से लेकर अंत तक एक उत्सुकता पाठकों में रहती है। कुछ राज और रहस्यों का ताना बाना , और चाल साजिशों से बुने हुए जाल में पात्र के साथ साथ पाठकों को भी फ़साये रखने में कामयाब कहानी "हां वो मेरी लाश थी"
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