You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"जिले पल पल इस कदर खुद को पहचान कर"कविता संग्रह में विकास कुमार ने जीवन जीते हुए जिंदगी के ढेर सारे अनुभवों को, मन की गहराई में छुपे भावनाओं को अपने शब्दों और वाक्य के माध्यम से कविता के रूप में बहुत ही सुंदर तरीके से साझा करने का प्रयास किए हैं।
इस कविता संग्रह में जिन विषयों के ऊपर कविता लिखी गई है वह सभी कविताएं आज के परिपेक्ष में सटीक बैठती है। जिंदगी के पल-पल के बारे में, जिंदगी के रिश्तों के बारे में,निसर्ग के बारे में , उम्मीदों के सहारे के बारे में कविताएं लिखी गई है।
विकास कुमार ने ऐसे कई विषय हैं जिसके ऊपर उन्होंने कविता लिखी है, जो सोए हुए मन को जगाने की ताकत रखती है , मन में नया उत्साह निर्माण करने की क्षमता, जीवन जीने का या उम्मीद जगा सकती है।
इस कविता संग्रह में जीवन की ढेर सारे संवेदनाओं को व्यक्त किया गया है।
उम्र के सभी वर्गों के लोगों का अनुभव इस किताब में कविता के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
"तनहाई में", "जिंदगी की शिल्पकार हो गई" ," कहां नहीं ढूंढा मैं तुझको","कर उजाला खुद के मन में" "बचपन की यादें" " वक़्त निकालता गया उम्र ढलती गई"। ट्रैकमैन, और भी कई मन को छू लेने वाले विषयों के साथ विकाश कुमार द्वारा
"जिले पल पल इस कदर खुद को पहचान कर"कविता संग्रह में जीवन को समझने के लिए काफी सुंदर रचनात्मक प्रयास किया गया है।
अधिवक्ता गौतम कुमार
सिविल कोर्ट शेरघाटी (गया) बिहार।
विकाश कुमार
विकास कुमार,पिता सुरंजन कुमार माता मनोरमा देवी।
इनका जन्म 5 जनवरी 1989 को बिहार के गया जिला के शेरघाटी प्रखंड के श्रीरामपुर गांव में हुआ था।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई, मध्य विद्यालय बीटी बिहार से आठवीं उत्तीर्ण होने के बाद रंगलाल हाई स्कूल शेरघाटी से इन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई की ,गया कॉलेज गया से इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद,2012 में मध्य रेलवे के पुणे मंडल के अंतर्गत सीनियर सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ) भीलवड़ी स्टेशन पर ट्रैकमैन के पद पर अपनी नौकरी शुरू की। 2016 में इनका स्थानांतरण पुणे हुआ। वर्तमान में स्माल ट्रैक मशीन टेक्नीशियन के पद पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर तलेगांव के अधीन कार्यरत हैं।
विकास कुमार मित्रता पूर्ण स्वभाव के कारण मित्रो में परिचित हैं।
मित्रता उनकी व्यवहार मे पल पल झलकती हुई नजर आती है. नये दोस्त जोडणे मे काफी उत्साह तथा सहजता रखते हैं। प्रिय और अप्रिय दोनो व्यक्तित्व के साथ रहने की खासियत इनमें है. प्रतिकूल परिस्थिती में जागृत रहकर उसे अनुकूल बनाने का उपाय कौशल्य. घुमकर प्राचीन धरोहर का अवलोकन मे रुची. रचनात्मक सृजकता.काव्य लेखन उसका ही एक व्यक्त अंग है।
खुद की अनेक रचनाए उनकी मुखोद् गत. सदा हसमुख. खाना बनाना, गार्डनिंग, संगीत यह उनके छन्द,खासकर वह बुद्ध धम्म मार्ग पर चलते हुए जीवन जीने का प्रयास . खुद नियमित रूप से ध्यान सराव और पंचशील का आचरण. बहुत ही प्रामाणिक और सरल.
उन्हे इस सृजनात्मक कार्य के लिए ढेर सारे शुभकामनाएं!
ज्ञानोल्का
कान्हे (मावल)
पुणे ,महाराष्ट्र
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.