"नन्हें परिंदे", एक बाल कविताओं का काव्य संग्रह है, जिसमें समाहित है बचपन की मौज-मस्ती, स्कूल की यादें, वो गलियों में खेल-कूद, आम और अमरुद के पेड़, नैतिक मूल्य, दादा-दादी, नाना-नानी की प्यार भरी सीख और बचपन की वो अमिट यादों का शानदार अंदाज़ और ना जाने कितनी ही ऐसी यादें हैं जो आपकी बचपन की यादों को तरोताज़ा कर देंगी।
जीवन की आपा-धापी में हम जीना भूल जाते हैं, जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है और हम इस मासूमियत भरे बचपन से कोसों दूर होते जाते हैं। ये बाल संग्रह आपको उन्हीं यादों की तरफ लेकर जाएगा, जो आज भी आपके दिल के कोने में बसर कर रहीं हैं। अनुराग्यम् की पूरी कोशिश है कि हम आप सबकी उम्मीदों पर खरे उतरें।
नन्हें परिंदे एक ऐसी ही पेशकश है, जिसमें सभी बेहतरीन रचनाकारों की रचनाएं आप सभी पाठकों के मन-मस्तिष्क पर अवश्य ही प्रभाव डालेंगी और आपको खींच ले जाएंगी आपके बचपन की ओर बल्कि इतना ही नहीं, इसमें इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया गया है हमारे नन्हें प्यारे बच्चे इस संग्रह से इस ऑनलाइन की दुनिया से हटकर असल ज़िदगी के कुछ और रंग भी देख पाएंगे।