श्री कृष्ण का जीवन अलग-अलग घटनाओं से सुशोभित रहा है। हम बाल्यकाल में कृष्ण के नटखट व मनमोहन रूप को देखते हैं, तो वही हम महाभारत काल में श्री कृष्ण को एक मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं। श्री कृष्ण का जीवन भले ही अनेक प्रकार की कठिनाइयों से भरा हुआ हो, पर फिर भी हमें उनके चेहरे पर कोई दुख व शोक का भाव नहीं दिखता।
श्री कृष्ण सदेव जीवन में सकर्मक रूप से हर परिस्थिति में धर्म का पालन कैसे किया जाता है, यह समस्त संसार को बताते हैं।
" ना कृष्ण से अच्छा कोई सखा हो सकता है,
ना कृष्ण से अच्छा कोई सारथी हो सकता है,"
इस संकलन में, मैं श्री कृष्ण के विभिन्न रूपों तथा उनके उपदेशों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही हूं। कृष्ण सदैव उनका साथ देते हैं, जो व्यक्ति हर पशु, प्राणी के प्रति करूणामय में होते हैं तथा ऐसे व्यक्ति ही अपने जीवन में संतुष्ट व सुखी रह पाते हैं। उनके मन में किसी के लिए कोई बैर का भाव नहीं होता।
वह धर्म व कर्म में विश्वास रखते हैं और अपने जीवन को धन एकत्रित करने में ना लगा कर खुद को जग के कल्याण के लिए समर्पित करते हैं।