शायरी
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Book Description
इक गुस्ताखी है, इक अदने से शायर की, जिंदगी को, अपने जाविये से, देखने की।
इक गुस्ताखी है, इक अदने से शायर की, जिंदगी को, अपने जाविये से, देखने की।