भाव सागर
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Book Description
'भाव-सागर' अपने नाम के ही अनुरूप भावनाओं का उफ़नता सागर है, जिसमे रचनाकार ने अपने मन में उठते भावों को कविताओं और शायरी के माध्यम से समेटने का प्रयास किया है। लगभग २५ सालों का यह संकलन, भावों के विविध रूपों का चित्रण है। जहाँ एक ओर जीवन के संघर्ष के दौरान उठते भावों को बख़ूबी दर्शाया गया है, वहीं रचनाकार ने आज के दौर में समाज में व्याप्त कुछ ज्वलंत समस्याओं को अपनी लेखनी में उतारने की कोशिश की है। 'अनुभव की रेखाएँ' और ‘मृत्यु–घूंटी’ में क्रमशः ‘वृद्धाश्रम’ और 'स्त्री भ्रूण हत्या' जैसी विकराल समस्याओं का मार्मिक विश्लेषण पाठकों के दिलों को अवश्य छू लेगा। तो आइये, ‘भाव-सागर’ में डूबकी लगाइये और अपने मन की भावनाओं को सराबोर करिए।