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लव कुश सिंह (कल्कि महाअवतार)-जीवन, ज्ञान, कर्म और विश्वरूप
लव कुश सिंह (कल्कि महाअवतार)-जीवन, ज्ञान, कर्म और विश्वरूप
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Book Description

विषय- सूची काल, युग बोध एवं अवतारऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला भाग-1 : आविष्कार और आविष्कारक का संक्षिन्त परिचयआविष्कार क्यों हुआ?  आविष्कारक कौन है?   क. भौतिक रूप से  ख. आर्थिक रूप से  ग. मानसिक रूप से  घ. नाम रूप से  च. समय रूप सेआविष्कार विषय क्या है?  आविष्कार की उपयोगिता क्या है? आविष्कार किस प्रकार हुआ? भाग-2 :  लव कुश सिंह “विश्वमानव”ईश्वर चक्र (सार्वभौम सत्य सिद्धान्त)विश्वशास्त्र - विषय-प्रवेशविश्वशास्त्र - अध्याय-एक : ईश्वरजीवन परिचयविश्वशास्त्र - अध्याय-दो : जीवन परिचयज्ञान परिचयविश्वशास्त्र - अध्याय-तीन : ज्ञान परिचयकर्म परिचयविश्वशास्त्र - अध्याय-चार : कर्म परिचय (सार्वजनिक प्रमाणित दृश्य महायज्ञ)विश्वरूपविश्वशास्त्र - अध्याय-पाँच : सार्वजनिक प्रमाणित विश्वरूपविश्वशास्त्र - परिशिष्ट, विषय- सूची भाग-3प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टिसन् 2020 ई0 - मन का नवीनीकरणईश्वरीय समाजविश्व-नागरिक धर्म का धर्मयुक्त धर्मशास्त्र - कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेदीय श्रृंखलाविश्व-राज्य धर्म का धर्मनिरपेक्ष धर्मशास्त्र - विश्वमानक शून्य-मन की गुणवत्ता का विश्वमानक (WS-0) श्रृंखला प्राकृतिक सत्य मिशन  विश्वधर्म मन्दिर सत्यकाशी ब्रह्माण्डीय एकात्म विज्ञान विश्वविद्यालय “सत्यकाशी महायोजना” (वाराणसी-विन्ध्याचल-शिवद्वार-सोनभद्र के बीच का क्षेत्र)विश्व का मूल मन्त्र-“जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान”एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य भाग-4 : सत्य आमंत्रणपाँचवें युग - स्वर्णयुग में प्रवेश का आमंत्रण