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Rohini

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Author: Sudrshan Soni

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Rohini is an ordinary girl who gives heart to Rohan. Rohan is a talented boy who has achieved many achievements in the field of literature, poetry, writing and journalism. Rohan is a religious boy who is a devotee of Shiva. Acquired from Guru. Miracle initiation brings miraculous changes in his life. Most of the love stories are written up to a crisis and even resolved. I have described the simple love. Maybe you like it.

रोहिणी भाग 01

कॉलेज का पहला दिन है। रोहिणी सोच में पड़ी हुई है आखिर कैसा होगा पहला दिन।इसी सोच के साथ रोहिणी अपनी सहेली प्रिया के साथ कॉलेज पहुँच जाती हैं। पहला दिन होने की वजह से काफी चहल पहल है।सीनियर छात्र नए छात्रों से परिचय कर रहे है। बी.कॉम अंतिम वर्ष की छात्रा वाणी और सुनीता ने हाथ मिलाकर रोहिणी और प्रिया का अभिनंदन किया।

वाणी -क्या नाम हैं तुम्हारा।

जी रोहिणी।

सुनीता को प्रिया ने अपना नाम बताया।

कोनसे स्कूल से बारहवीं पास की हैं ।सुनीता ने प्रश्न किया।

सरोजनी नायडू हाई स्कूल से।रोहिणी ने उत्तर दिया

वाणी --कॉलेज में डरने की जरूरत नही ।कोई भी मदद चाहिए तो बताना

जी ।प्रिया रोहिणी ने दोनों का धन्यवाद किया।

रोहिणी-- हमने बी एस सी प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है।कृप्या बताएं हमारी कक्षा कहाँ लगेंगी।

वाणी -- कॉलेज की सभी कक्षाएं 11:00 बजे से शुरू होगी।परिषर के रूम नम्बर 11 में आप लोगों की कक्षा रहेगी।

रोहिणी ने घड़ी में देखा 11 बजने में 5 मिनिट की देर है।

घड़ी की और देखते ही सुनीता ने दोनों की मनसा को मन ही मन आँक लिया।

सुनीता ने बोला अब तुम्हारी कक्षा का समय हो चला हैं ।

तुम लोग जा सकती हो।

जी,प्रिया ने कहा।

दोनों अपनी कक्षा की और रवाना हो गई।बड़ी संख्या में छात्र-छात्राए कक्षा में उपस्थित थे।स्कूलों में साथ पड़ने वाले विद्यार्थियों का स्कूलों के मुताबिक अपना अपना ग्रुप था।लेकिन प्रिया और रोहिणी सरोजिनी नायडू स्कूल से अकेली ही छात्राए थी जिन्होंने की सोनितपुर के लोकमान्य तिलक कॉलेज में प्रवेश लिया था।

पहला लेक्चर प्रोफेसर शाह ने लिया।प्रोफेसर शाह वनस्पति विज्ञान के जाने माने प्राध्यापक है।बड़े ही सहज सरल और सहयोगी स्वभाव के धनी ।सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जान है प्रोफेसर साहब।क्योंकि वे संचालन औऱ वकतव्य कला के बड़े माहिर खिलाड़ी हैं। विद्यार्थियों के साथ मधुर संबंध ही उन्हें लोकप्रियता प्रदान करता हैं।

पहला दिन होने की वजह से पूरा दिन ही परिचय और सामान्य बातो में निकल गया। रोहिणी का आत्म विश्वास बढ़ गया है ।कॉलेज के प्रति बनाए गए अपने डर पर वह विजय प्राप्त कर चुकि है।आप सोच रहे होंगे कैसा डर? दरअसल रोहिणी व प्रिया ने मन में बातचीत के आधार पर यह धारणा बना रखी थी कि कॉलेज में रैगिंग के नाम पर नए विद्यार्थियों को परेशान किया जाता हैं।तरह तरह के सवाल पूछे जाते है।

रोहिणी का परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार है।रोहिणी के पिता श्री सुदेश राय बैंक में क्लर्क हैं।माँ सरिता गृहिणी है।रोहिणी का एक छोटा भाई है।जिसका नाम राकेश हैं।राकेश कक्षा दशवीं में अध्ययनरत हैं।रोहिणी एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी लड़की जो उच्च सोच रखती हैं।

रात्रि पूर्ण हुई सुबह 10 बजे प्रिया रोहिणी के घर पहुँच गई।रोहिणी भी तैयार होकर प्रिया का इंतजार कर रही थीं।कॉलेज रोहिणी के घर से लगभग 3 किमी की दूरी पर था। पैदल ही दोंनो ने कॉलेज जाने का निर्णय लिया।

प्रिया कल का दिन तो बहुत अच्छा रहा।रोहिणी ने कहा।

स्कूल की अनुशाषित जिंदगी से बाहर निकल कर स्वच्छंद और स्वतंत्र वातावरण अच्छा लगा।प्रिया ने कहा।

आज कॉलेज में खासी चहल पहल है।नए विद्यार्थी आज से कॉलेज आना शुरू हुए है।आज दोनों सहेलियों ने अपनी कक्षा की छात्राओं से मुलाकात की।लगभग सभी से पूर्व में पढ़ाई व उनके विद्यालय के बारे में चर्चा हुई।रिया,शानू,टीना,कविता,रश्मि ऐसी कई छात्राओं से बातचीत प्रारम्भ हुईं।

रोहन कॉलेज का प्रतिभाशाली छात्र हैं।जो बी.कॉम द्वितीय वर्ष में अध्ययन रत है।अपने व्यवहार और नेतृत्व कुशलता की वजह से वह बहुत लोकप्रिय है।कॉलेज का स्टॉफ भी रोहन को होनहार छात्र मानता हैं।

रोहन के पिता रविंद्र पाटेकर पैसे से पत्रकार हैं ।एक हिंदी समाचार पत्र के दफ्तर में संवाददाता और लेखन का कार्य करते हैं।रविन्द्र जी की एक विशेषता हैं कि वह अध्यात्म जगत के जानकार हैं।भगवान महादेव की उपासना उनके दैनिक जीवन का अंग हैं।अति तेजस्वी ललाट पर त्रिपुंड शोभायमान रहता हैं।रोहन की माता सुरुचि शासकीय स्कूल में शिक्षिका हैं।

रोहिणी को कॉलेज आते एक माह बीत गया।नित्य कक्षाएं नए नए दोस्तो के साथ सब कुछ पराए सा दिखने वाला वातावरण अपना सा लगने लगा।

रोहिणी अपनी सहेलियों के साथ कॉलेज के गार्डन में भोजन कर रही है।तभी एक क्रिकेट बॉल उनके लंच बॉक्स में आकर गिरी और लंच बॉक्स जमीन पर बिखर गया । रोहिणी गुस्से में उठ खड़ी होती हैं।

वो बॉल हमे दे दीजिए रोहण ने कहा।

रोहिणी क्रोध भरी निगाहों से उसकी और देखती कहती हैं आप लोगों को दिखाई नहीं देता क्या।आपको सिर्फ अपने खेल से मतलब है।यहाँ हमारा सारा खाना बिखर गया।उसका कुछ नहीं और ऊपर से बेशर्मों की तरह बॉल माँगने चले आए।

रोहन- जी माफ कीजिएगा हम लोग मैदान में खेल रहे थें।हमें नहीं पता आप लोग यहाँ लंच कर रहे हैं।हमारा उद्देश्य आपको परेशान करना नहीं है।कोई भी जान मुछकर थोड़ी न आपको परेशान करेगा।में गलती के लिए माफी चाहता हूँ।

रोहिणी--माफी मांगने से क्या होगा हमारा खाना बिखर गया अब हम क्या खाएँगे।ऊपर से भूख लगी हैं।

रोहण--चिंता न कीजिए अभी आपके खाने का इंतजाम करवाता हूँ।

रोहिणी--इसकी कोई जरूरत नहीं हमारे पास जो बचा हुआ हैं हम उसी से काम चला लेंगे।

राजेश की तरफ इशारा करते हुए रोहन ने कहा तुम जाओ और नाश्ता लेकर आओ।

आपका खाना हमारी वजह से बिखरा हैं तो अब यह हमारा उत्तरदायित्व बनता हैं कि हम आपकी परेशानी कम करें।रोहन ने रोहिणी से कहा।

रोहिणी-- नही नहीं ऐसा नहीं हैं मेने ग़ुस्से में आपसे कुछ भी कह दिया मुझे माफ़ करना।

रोहन--माफी तो मुझे आपसे मांगनी चाहिए।हम लोगो की वजह से आप का लंच बॉक्स बिखर गया।

उसी समय राजेश नाश्ता लेकर आ जाता हैं!भैया ये लीजिए में नाश्ता ले आया हूँ।रोहन ने राजेश से नाश्ता लेकर रोहिणी को दिया।और परेशानी के लिए खेद व्यक्त किया।

रोहिणी ने भी अपना गुस्सा त्यागकर वो नाश्ता ले लिया जो रोहन ने मँगवाया था।दोनों के मध्य सहज परिचय हुआ

बारिश का मौसम हैं धरती हरियाली और शीतलता की चादर पहने हैं।आसमान से बूंदों की झड़ी लग रहीं हैं।नदियां अपने उफान पर बह रहीं हैं।झरने कल कल की आवाज से धरती को स्पर्श कर रहें हैं।कॉलेज में भी हरे भरे वृक्ष और घास ही घास दिखाई दे रहीं हैं।

प्रोफेसर शाह के नेतृत्व में कॉलेज परिषर में आज वृक्षारोपण का आयोजन किया गया हैं।रोहन अपने मित्रों के साथ इस आयोजन में सहयोग कर रहा हैं।

राकेश सभी पौधे ले आओ औऱ वहाँ रख दो जहाँ पौधों को लगाया जाना है।रोहन ने अपने साथियों से कहा।

प्रोफेसर शाह ने पौधे लगाने हेतु पहले से ही मिट्टी खुदवा रखी थीं।रोहन ने अपने साथियों के साथ पौधे लाकर सभी गड्डो के पास रख दिए।

रोहिणी भी अपनी सहेलियों के साथ कार्यक्रम में सम्मलित हुई।प्रिया,सुनीता,वाणी ,सहित सभी कॉलेजों की छात्राएं इस कार्यक्रम में उपस्थित है।

रोहिणी--सुनीता दीदी यह कार्यक्रम क्या हर वर्ष आयोजित होता हैं।

सुनीता ने कहा कि प्रोफेसर शाह को वृक्षारोपण एवं उनके पालन पोषण का बहुत शोक हैं।वनस्पति विज्ञान के जानकार है प्रोफेसर साहब।

रोहिणी -- जीवन के लिए वृक्ष बहुत आवश्यक हैं।स्कूल में हमारे अध्यापक गण भी विद्यालय परिसर में ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया करते थे।

प्रोफेसर साहब ने सभी विद्यार्थियों को बुला लिया और कहा कि सभी एक एक पौधा ले ले और इनका जमीन में रोपण कर दे।

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