Share this book with your friends

Aao Jeena Jeena Khelen / आओ जीना जीना खेलें

Author Name: Sujeet Jha | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जिब्रान, अमृता या गुलज़ार को लोग ताउम्र पढतें हैI दोबारा और न जाने कई बार पढतें हैं, क्योंकि हर बार इसमें एक नया अर्थ निकलता हैIसुजीत झा की इन रचनाओं को भी एक बार पढ़ के देखिये, आप पर भी नज़्म का नशा छाने लगेगा I आप 'आप’ नहीं रह जायेंगे, इनके हर नज़्म में आप महसूस करेंगे कि 'आपके भीतर भी कोई है’ शायद आप सोचने लगें कि यह कलमकार है या शिल्पकार Iयह कवि की कविता न हो कर आपको अपनी लगने लगेगी I लगेगा चलो जी लें I बस जीने के खातिर पढ़ें “आओ जीना जीना खेलें” I

सुजीत झा और जीवन का एक अटूट रिश्ता है, बिलकुल एक हमसफ़र जैसा I बालपन, किशोर और युवा तीनों अवस्थाओं में झंखावातों के बीच भी जीवन के साथ खूब खेलने के पश्चात ही, मूड के सभी रंगों को किताबी कैनवास पर उतारा है I

आप जान सकते हैं की जीवन कितना सुंदर है, संघर्ष है, कभी उतार चढ़ाव तो कभी संगीत I जिसका चयन भी आप स्वयं करते हैं, यह संकलन शब्दों में नहीं लिखी गई है, सम्पूर्ण वजूद को खींच कर एक विराम की तरह आपको छोड़ जाएगी यह किताब।

Read More...
Paperback
Paperback 190

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

सुजीत झा

समृद्ध सांस्कृतिक मिथिला का परिवेश मिला, पिता का मन्त्रोच्चार सुन, किशोरावस्था में जब आया तो तभी से मन ही मन लिखना और सीखने के लिए व्याकुल रहने लगा।

परंपरा में संस्कृतनिष्ठ हिन्दी और विरासत में मैथिली साहित्य मिला।

कब तत्सम से तद्भव में तब्दील हुई पता ही न चला। कभी किताबों पर, कभी क्लास के कॉपियों के पीछे वाले पन्नों पर लिखता गया। अकेले में पढ़ता और मनुहार भी करता। कभी चिरकुटों पर तो कभी क्लास के डेस्क पर। याद है मुझे अभी भी वह कैमलिन वाली कलम जिसके कितने नींव मैंने तोड़े थे।

युवावस्था में अपनी तत्सम शैली के कारण लिखने का अवसर मिलता गया, पहली कविता छपी सुनो शमा। तब की सुन्दर कविता रही थी। कई शलभ घायल हुए थे। फिर कई और लिखे। कभी-कभी तो ट्रेन में भी कुछ नज़म ख्याल आए तो गोल्ड फ्लैक सिगरेट के फायल में भी लिख डाला। अफसोस है लेखनी में वजन तो आते गया पर संकलन न हो पाया। कभी संकलन की शुरूआत हुई तो वजन की कमी रह गई। देर ही सही, संकलन भी हुआ और वजनदारी की वजह भी है। क्योंकि खेलना शुरू किया है अब जीना जीना।

नाम- सुजीत झा

जन्म तिथि- 8 अप्रिल 1971 

जन्म स्थान- मधुबनी, बिहार

Read More...

Achievements

+6 more
View All