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Ajanma / अजन्मा

Author Name: Mayanka sharma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details
कविता लिखना जन्म देने जैसा होता है. शब्दकार के भीतर के द्वन्द, प्रश्न, स्वप्न, चिंतन, आक्रोश, ख़ुशी और ज़िन्दगी को समझने के लिए बनते फलसफे जब पकने लगते हैं, तो एक कविता टूट कर गिरती है सोच के पेड़ से, और कागज़ पर छप जाती है. मेरी ये चंद कविताएं, नज़्में, ग़ज़लें मेरे बहुत क़रीब हैं. इन्हें छपवाने की कोशिश के पीछे ये विश्वास है की ये सिर्फ मेरी नहीं हैं. ये हर उसकी हैं, जिसने इन्हें जिया हैं. मेरे सिर्फ शब्द हैं. ये मेरा पहला कविता संग्रह समर्पित है मेरे बेटे अन्मय को, जो आज अपने बालपन में असीमित है, अजन्मा है.
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मयंका शर्मा

मयंका शर्मा लगभग बीस साल से कवितायेँ और कहानियाँ लिखती हैं. हिंदी उनकी मातृभाषा है और बचपन से ही उनको किताबों के ज़रिये धर्मवीर भारती से लेकर हरिवंश राय बच्चन तक, बड़े बड़े दिग्गजों के साथ समय बिताना पसंद है. मयंका का लेखन उनके पसंदीदा लेखक गुलज़ार से प्रेरित और प्रभावित है. मयंका को पर्यटन और अलग अलग शहरों में रहना पसंद है. इन दिनों वो बैंगलोर में रहती हैं.
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