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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal(बचपन की यादों से प्रेरित होकर लिखी गई प्रेम कहानी- एक सामाजिक उपन्यास)
* प्रेम एक ऐसा शब्द है जिसका अपना कोई अर्थ नहीं परन्तु इसका प्रयोग जो जैसा चाहता है कर लेता है।
*उस अतीत की कहानी जो अस्पष्ट है। लेकिन वर्तमान में वो उभरते शब्द चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं। श्याम बाबू दौलत से खूब सूरत बीबी तो खरीदी जा सकती है। लेकिन उस खूबसूरत बीबी की आत्मा नहीं खरीदी जा सकती।
*शरीर केवल अमीरों के घर सजाते हैं परन्तु आत्माऐं सदा गरीब की कुटिया को प्रकाशित करती है।
कभी ना भुलाई जाने वाली कहानी ऐसा अतीत जिसे आप स्वयं पढ़ कर दूसरों को भी पढ़ने की सलाह देंगे।
राजकुमार पाराशर (Script Writer)
ज.न.वि. पल्लू
जिला-(हनुमान गढ़) राज.
राज पाराशर
राजकुमार पाराशर ,(राज पाराशर) सम्पादक राजस्थान सुझाव, रजिस्टर्ड पत्र का सम्पादन व अन्य देनिक समाचार पत्र, राष्ट्र दूत, देनिक नवज्योति में स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्य सन 1996,1997 में नवोदय विद्यालय समिति में शारीरिक शिक्षक के पद पर चयनित हुए। भारत स्काउट एंड गाइड, से एडवांस कोर्स, नेशनल एडवेंचर कोर्स, पचमढ़ी, जिला, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश, भारत से चार बार किया। इनके विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में समय समय पर कई लेख प्रकाशित होते हैं। पूर्व में, आत्मोद्धार का रहस्य, व , अलौकिक महापुरुष की जीवन गाथा, जैसे दिव्य ग्रंथ कल्याण चिकित्सा प्रकाशन, चोड़ा रास्ता, जयपुर से प्रकाशित हो चुके है। जो कि राष्ट्रीय स्तर पर सफल व लोकप्रिय ग्रंथ रहे हैं। धारणा प्रेस लिमिटेड से इनका उपन्यास, हाथ का हुनर, एक ऐतिहासिक प्रेम कथा, प्रकाशित हो चुका है। इनका दूसरा उपन्यास, अतीत, आपके हाथों में है। इसी दौरान लेखक को विभिन्न राज्यो व पड़ोसी देशों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ।
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