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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआज देश के अधिकतर युवा भारतीय सेना में सेवा करने का सपना देखते हैं परंतु उनमें से बहुत से युवाओं का यह सपना इसलिये चकनाचूर हो जाता है क्योंकि वे 1600 मीटर की दौड़ और सेना के लिये जरूरी शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं। यह पुस्तक भारतीय सेना में भर्ती होने के लिये फिजीकल परीक्षा को आसानी से पास करने के लिए लिखी गयी है जिसको पढ़ने और अमल करने के बाद एक युवा को अपने सपने को साकार करने में सहायता मिलेगी। हालांकि यह पुस्तक एक सुझाव के तौर पर हैं।
इस पुस्तक में डायनामिक वार्म-अप, 1600 मीटर की दौड़, कूल-डाउन, बीम लगाने में सफलता, दौड़ में योग का महत्व, खुराक का सही प्लान, धावक की मालिश और पानी द्वारा स्वस्थ रहने के तरीके विस्तार से बताये गये हैं। अंत में दौड़ में सफलता प्राप्त करने के 51 रहस्य भी बताये गये हैं, जो ऐसी बातें हैं जो सफलता सुनिश्चित करतीं हैं, परंतु अधिकतर लोग उन पर ध्यान नहीं देते हैं। इसके अतिरिक्त यह पुस्तक किसी भी उम्र के लोग पढ़ सकते हैं, उनको भी अपना स्वास्थ्य सुधारने में निश्चित रूप से अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा।
राजेश्वरी
लेखिका का जन्म मध्यप्रदेश के मुरैना में हुआ। बचपन से ही दौड़ने की इच्छा रखने वाली राजेश्वरी को कभी परिवार से आजादी नहीं मिली। लेकिन कहते हैं कि हसरतों को कभी सलाखों में बंद नहीं किया जा सकता और जंजीरों में नहीं जकड़ा जा सकता। उनकी शादी एक फौजी से कर दी गई। दो बच्चों को जन्म देने के बाद भी उनकी फिजीकल फिटनेस की तमन्ना जाग्रत रही।
लेखिका “अखण्ड भारत डिफेंस कोचिंग” की डायरेक्टर हैं और युवाओं को हमेशा भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करती रही हैं। जो बच्चे इनके अधीन ट्रेनिंग ले रहे हैं, उनको दौड़ में आने वाली समस्याओं के ऊपर उन्होंने गहन अध्ययन किया और उनका समाधान खोजने का हर संभव प्रयास किया है। यह पुस्तक उन्हीं प्रयासों का नतीजा है।
लेखिका को काफी प्रेरणा उनके पति से मिली है जो भारतीय थलसेना तथा हरियाणा पुलिस में लगभग 10 वर्ष तक कमांडों प्रशिक्षक के विभिन्न पदों पर सेवारत रहे हैं और अनेक सैनिकों तथा पुलिस-कर्मियों को कमांडों प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में योगदान दिया है। आज उनके पति अपने कठिन परिश्रम और निःस्वार्थ सेवा के कारण भारत के महामहिम राष्ट्रपतिजी के ए.डी.सी.-2 हैं।
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