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Bureaucracy Ka Bigul Aur Shahnai Pyar Ki / ब्यूरोक्रेसी का बिगुल और शहनाई प्यार की

Author Name: Anil Gandhi | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

ये उपन्यास एक विचित्र लेकिन मधुर लव स्टोरी है दो ऐसे पात्रों की, जो बिल्कुल ही अलग दुनियाँ से हैं। एक दलित ब्यूरोक्रेट है तो दूसरा थिएटर डायरेक्टर। अपना अपना लंबा इतिहास साझा करते समय, नज़दीकियाँ दूरियों में और दूरियाँ नजदीकिओं में बदलते देर नहीं लगती। कहा जा सकता है कि ये प्रेम प्रसंग कभी तो आकाश की उचाइयों को छू रहा होता है और अगले ही पल पाताल के धरातल पर औंधे मुहँ गिरा पड़ा होता है। इस यात्रा में इंडियन ब्यूरोक्रेसी, हमारे समाज में व्याप्त जाति की जड़ें, थिएटर संसार और छोटे शहर की मानसिकता के दर्शन खुद बखुद होते रहते हैं। दिलचस्प बात ये है कि पात्रों की नज़दीकियाँ और दूरियाँ, पाठक को अंतिम शब्द तक उपन्यास से नज़दीकी बनाए रखने में मददगार साबित होती हैं। 

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अनिल गाँधी

अनिल गाँधी  राज्य सभा सचिवालय मेँ संयुक्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हैं। आकाशवाणी में 1991-95 तक प्रोग्राम एग्जक्यिटिव के पद पर रहते हुए साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े रहे। सन् 1984-2002 के दौरान आकाशवाणी में अंशकालिक हिंदी समाचार वाचक। एक दशक तक आकाशवाणी के राष्ट्रीय चैनल पर बहुउद्देशीय कार्यक्रम ‘विविधा और अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सन् 1985 के दौरान लिटिल थियेटर ग्रुप नाट्यमंडल में पूर्णकालिक एक्टर। सन् 1986-90 तक दर्पण थियेटर ग्रुप से जुड़े रहे। नब्बे के दशक में विज्ञान विषयों पर कई लेख राष्ट्रीय समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। ‘दृश्यांतर’ और ‘आधुनिक साहित्य’ व अन्य पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। दूरदर्शन महानिदेशालय में प्रतिनियुक्ति आधार पर उप महानिदेशक (प्रशा.) के पद पर कार्यरत रहे। केन्द्रीय विद्यालय और सैनिक स्कूल, कुंजपुरा में भी अध्यापन। दिबाकर बेनर्जी द्वारा निर्देशित वेबसीरिज ‘फ्रीडम’ में अभिनय।

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