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Chehra / चेहरा

Author Name: Pradip Bhatt | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मैं उसे देखु और वो मुस्कुराता रहें

ग़लतफहमी ही सही, कुछ तो दरमियां रहें।

 

एक बार एक फूल को छू लिया था मैंने

फिर ताउम्र ज़िस्म पर उसके निशां रहें।

 

तुम्हे फक्र है तुम इबादत में हो

मैं इश्क़ में हूँ मुझे इसका गुमां रहें।

 

उसने बदल डाला है अब किरदार अपना

हम भी कहानी में अब कहाँ रहें।

 

उसकी दुआ से मैं सलामत हूँ यहाँ

मेरी भी दुआ है वो खुश रहें, जहाँ रहें।

 

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प्रदीप भट्ट

श्री प्रदीप भट्ट मूलतः राजस्थान के डूंगरपुर जिले के निवासी हैं। पेशे से वे एक बैंकर है मगर प्रकृति से वह एक लेख़क है। 

वे स्वयं को जीवन रूपी यात्रा में एक राही की भाँति पाते है। अतः वे अपनी लेखनी में "राही" शब्द का इस्तेमाल करते है। 

यह किताब शेर, ग़ज़ल, कविता इत्यादि साहित्य लेखन की अलग- अलग विधाओं का एक बेहतरीन संकलन है।

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