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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palरूपा का जन्म, मेरठ नामक शहर में हुआ। उसके सपने बड़े थे, किन्तु उनको पूरा करने की राह अभी प्रत्यक्ष नहीं थी। लेडी इरविन कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद, रूपा की टीचर डॉ० एस० आनन्दलक्ष्मी (जिन्हें प्यार से स्टूडेंट्स 'ऐना' कहा करते थे) का व्यापक प्रभाव रूपा की जीवन यात्रा व सोचने के ढंग पर पड़ने लगा।
डॉ० आनन्दलक्ष्मी, एक सशक्त महिला थीं-जीवन से परिपूर्ण, यात्रा, संगीत, कविता, पहेली में अनुरक्त तथा बाल विकास के विषय पर उनका प्रभुत्व, जिसे, उन्होंने लेडी इरविन कॉलेज में पढ़ाया।
तीन दशकों की इस जीवन यात्रा के पुनरावलोकन पर आज रूपा स्वयं को सफलता के मज़बूत स्तम्भ पर खड़ा पाती हैं। पाठक भी अपनी स्मृतियों की झलक, इस पुस्तक को पढ़ते समय अवश्य पा सकेंगे, क्यूँकि हम सभी के जीवन में प्रायः एक ऐसा शिक्षक अवश्य रहा है जिसने हमें सपनों की उड़ान भरने के लिए प्रेरित किया हो।
हिन्दी अनुवाद : श्रुति अगरवाल द्वारा
रूपा शंकर
प्रयागराज शहर में रूपा शंकर एक जानी मानी शिक्षिका एवं बाल विकास परामर्शदाता हैं। पारम्परिक साड़ियों को धारण कर, रूपा की आँखों में प्रेम, उल्लास, स्वच्छंदता, उत्साह के सभी भाव उमड़ आते हैं, जब वह बच्चों के विषय पर बात करतीं हैं। वह बाल विकास क्षेत्र में इस ज्ञान और मनोभावना का श्रेय अपनी शिक्षिका डॉ० एस० आनन्दलक्ष्मी को देती हैं। यह पुस्तक उन्हीं की मधुर स्मृतियों का भण्डार है।
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