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HAMINASTO: JO KAHIN, SAB YAHIN / हमींअस्तो: जो कहीं, सब यहीं (NAYI KAVITAEN AUR SHAYARIYAN) / (नई कविताएँ और शायरियाँ)

Author Name: Shiv Shankar Jha | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

शोर में इस जहान के,

मुझे सुन तो पाओगे ना

 

मैं जमीं पर बैठकर दुआ माँगूँगा,

तुम आसमां के ख़ुदा बन जाओगे ना!

 

जब तक दिलों में प्रेम बहेगा, जब तक इश्क़ का ख़्वाब पलेगा, जब तक सजदे में सर झुकेंगे, जब भी भँवर में हम फसेंगे, जब भी मन को ठेस लगेगी और जब कभी हवा उल्टी दिशा बहेगी; तब तब कविताएँ लिखी जाएँगी और सुनाई जाएँगी। फिर एक रोज़ ये सब हुआ और फिर ये किताब लिख दी गयी।

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शिव शंकर झा

शिव शंकर झा पेशे से एक सिविल इंजीनियर हैं और तबीयत से शायर। उनकी रचनाएँ वार्षिक कैलेंडर व पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। वह कविता लिखने के साथ चित्रकारी और संगीत रचना का भी शौक़ रखते हैं। वह अँग्रेजी कविताएँ बाएँ हाथ से लिखते हैं और हिन्दी कविताएँ दाएँ हाथ से। उन्होंने फ़िल्मफ़ेअर-2019 में नॉमिनेट की जाने वाली एक फ़िल्म में अभिनय भी किया है। इस किताब के ज़रिये वो कला प्रेमियोँ का आशीर्वाद पाने निकले हैँ। 

आप अपना संदेश या कोई सुझाव उन तक नीचे दिए गए माध्यमों से पहुँचा सकते हैं।

E-mail: shivshankar.author@gmail.com

Instagram id: author_shankar

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