Share this book with your friends

Hindi Gita Kavya / हिंदी गीता काव्य श्रीमद्भगवद्गीता का सरल हिंदी काव्य रूपांतरण

Author Name: Yash Pal Singh | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

'हिंदी गीता काव्य' श्रीमद्भगवद्गीता का सरलतम काव्य रूपांतरण है, जो हिंदी की न्यूनतम जानकरी रखने वाले पाठक को भी आसानी से समझ आएगा। इसका उद्देश्य गीता को सरल भाषा और रोचक काव्य के रूप में उन सब लोगों तक पहुंचाना है जो गीता पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन भाषा व शैली की कठिनाई के कारण ऐसा नहीं कर पाते और उन तक भी जो इसे एक मज़हबी ग्रंथ समझकर इससे दूरी बना लेते हैं । पुस्तक से कुछ दोहे:

गुरु द्रोण हैं भीष्म हैं, पूज्य बड़े श्रीमान 

हे मधुसूदन किस तरह, छोडूं इन पर बाण 

अविनाशी है आत्मा, मिटता सिर्फ शरीर

फिर क्यों मरने से डरें, युद्ध करो तुम वीर 

मौत मिले तो स्वर्ग है, जीत मिले तो राज

निश्चित होकर युध्द कर, अर्जुन चिंता त्याग

Read More...
Paperback
Paperback 140

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

यशपाल सिंह

यशपाल सिंह 'यश', एक सेवानिवृत्त बैंकर हैं। उनका जन्म उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले में हुआ। उनकी कविताओं का एक संग्रह 'मंज़र गवाह हैं ' प्रकाशित हो चुका है। इस संग्रह को पाठकों ने भाषा की सरलता, भावों की गहराई, समसामयिक नज़र और व्यावहारिक दृष्टिकोण के लिए सराहा है। उनकी कविताओं का प्रसारण दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल और आकाशवाणी से हो चुका है, तथा उन्हें वर्ष 2019 में, कोलकाता में आयोजित, भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान साहित्य उत्सव में आयोजित कवि सम्मेलन में अपनी कविताएं पढ़ने का सम्मान प्राप्त हुआ।

Read More...

Achievements

+6 more
View All