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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजब जैसा मूड बना, एक कहानी भी है, एक सफर भी है, और एक सोच भी है ....
ये कहानी है कुछ पल की, जो यादों के धुंधले मौसम में कही खो गए है।
ये सफर है उस उम्र का जो सोलह की जवानी से बत्तीस के बसंत तक आते आते, ना जाने कितने घाट का पानी पी गयी...कभी शबे मालवा से रूहानी गुफ्तगू करती ,कभी बेइंतहा जागती बम्बई की सड़को पर अपना वजूद ढूंढती .....जाने कब इतनी जल्दी बीत गयी..
इसकी सोच में कही अधूरे इश्क़ का दर्द है, तो कही जीवन को पी लेने की कसक है, कही अपने अंतर्मन से लड़ती एक अकेली रात है और कही बनती बिगड़ती दुनिया के लिए छोटी सी एक बात है।
कहते है कि हर इंसान के अंदर कई सौ किरदार छुपे होते है। और ये कवितायें बस उन किरदारों की कहानी है जो मैंने अपने अंदर महसूस किये है, जीवन की धूप और छाँव में।
अनुज व्यास
डॉ अनुज व्यास, एक कवि होने के साथ साथ पेशे से एक मैक्सिलो-फेशियल सर्जन भी है यानी कलम और तलवार दोनों ही इनकी मेहबूबा है।
एक कम्युनिकेशन ग्रेजुएट, एक सर्जन, एक प्रोफेशनल एंकर और लम्बी दूरी के बाइकर - और इन सब किरदारों के बीच बहुत सारे मूड के साथ जीने वाला एक कवि, जो अपने व्यस्त जीवन और अपने 'राइटर ब्लॉक' के बीच लिखने के लिए कुछ फुर्सत के पल ढूंढता रहता है। सोलह साल की उम्र से शुरू हुए लिखने के इस सिलसिले को जीवन के अलग अलग मुकाम पर मिले अनुभवों से जोड़ता हुआ,ये कवि अपने पहले हिंदी और अंग्रेजी कविताओं के संग्रह के साथ आपसे दुआ सलाम करने आया है।
यदि आप डॉ अनुज को इस किताब से सम्बंधित विचार साझा करना चाहे तो संपर्क करे - facesurgeonanuj@gmail.com तथा उनके इंस्टाग्राम पेज - aawaradoctor पर।
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