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Jadotak / जड़ोंतक

Author Name: Rani Amol More | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

‘जड़ोंतक’ कवितासंग्रह एक प्रयास है सच को सच के नजरीये से देखने का, जिसे पद्मश्री पद्मजा फेणाणी-जोगलेकरजी ने अपनी प्रस्तावना से नवाज़ा है। अगर आप कविताओं में रूची रखते हो तो 'जड़ोंतक' आप के लिये एक जंगल की सैर जैसा है, जहाँ शिकार भी है और शिकारी भी, जहाँ पानी भी है और आग भी, जहाँ तितलियाँ भी है तो जहरीले नाग भी, कुछ काटे भी चुभेंगे तो कुछ खुबसूरत खिलते फूल मन को मोहित भी करेंगे। यहाँ साधना, ईश्वर, वैराग्य, यथार्थ, सत्य, जीवन, पुरुषार्थ हर वो गुण समाविष्ट करने का प्रयास है, जहा से पढ़नेवाला पूरा हो गुजरे और अपने जीवन को जटीलता भरे धागो से छुड़ाकर सरल करे। कुल ९ विभागो में विभाजित ८१ कविताओ का यह संग्रह विविध विषयोंपर भाष्य करता है और एक अलग ही अनुभूति दे जाता है।

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रानी अमोल मोरे

रानी जी का हिंदी एवं मराठी साहित्य क्षेत्र के साथ-साथ कृषी एवं सामाजिक क्षेत्र मे बडा योगदान है। उन्हें 'वऱ्हाड वारं' काव्यांकन के लिए विदर्भ गौरव, युवाज्योत, समाज भूषण आदि पुरस्कार प्राप्त है। उनके 'रानमोती' काव्यसंग्रह को मराठी साहित्य मंडल द्वारा 'साहित्य भूषण पुरस्कार' से नवाजा गया है। रानी जी उनके 'रानमोती ब्लॉग' की वजह से 'रानमोती' नाम से भी प्रख्यात है।

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