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Jauhar Ki Rakh Se Shikhar Tak / जौहर की राख से शिखर तक

Author Name: Shyam Sundar Bhatt | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

पद्मिनी के जौहर के बाद चित्तौड़गढ़, दिल्ली सल्तनत के अधिकार में आ गया| राजनैतिक घटनाक्रम में चित्तौड़गढ़ को जालौर के राजवंशी मालदेव को ठेके पर दे दिया गया| इधर मेवाड़ में फैली अराजकता, पारिवारिक कलह एवं नागरिकों की कठिनाईयों को हल करने में प्रवृत युवा महाराणा हमीर को सामन्तो की उदासीनता के कारण निराशा का समय देखना पड़ा| इन्ही निराशाओं के क्षणों में देवी बरबड़ी नामक तपस्विनी ने अपने सुझावों द्वारा महाराणा हमीर को प्रत्याक्रमण हेतु तत्पर किया| चित्तौड़गढ़ में बैठे मालदेव ने आक्रमणों से त्रस्त होकर अपनी पुत्री का विवाह हमीर से करा कर शांति स्थापना की| इसी शांति काल में हमीर ने अपनी शक्ति बढाकर चित्तौड़गढ़ पर अधिकार कर लिया| पराभूत मालदेव के पुत्र जयसिंह ने अपने प्रभाव से तत्कालीन दिल्ली सुल्तान मुहम्मद तुगलक को साथ लेकर ससैन्य मेवाड़ में प्रवेश किया| सिंगोली गॉंव में हुए इस युद्ध में तुगलक बंदी बनाया गया और ले-देकर तीन माह बाद उसे छोड़ दिया गया| इस विजय की प्रसन्नता एवं देवी बरबड़ी की स्मृति में महाराणा हमीर ने चित्तौड़गढ़ में अन्नपूर्णा मंदिर बनवाया| जौहर की राख जिसे विरासत में मिली उस हमीर द्वारा मन्दिर के शिखर निर्माण तक की यात्रा को इस उपन्यास में उकेरने का सशक्त प्रयास किया गया है|

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श्याम सुन्दर भट्ट

श्री श्याम सुन्दर भट्ट, राजस्थान के प्रसिद्ध उपन्यास लेखक है | श्री बप्पारावल, प्रताप, अमरसिंह, सांगा, राजसिंह, दाहरसेन, परशुराम जैसे कई ऐतिहासिक पात्रों पर आपके उपन्यास प्रकाशित है | राजस्थान साहित्य अकादमी, महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउन्डेशन आदि कई संस्थाओं से आप सम्मानित है | संप्रति श्री भट्ट लगभग 700  सवैतनिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से राजस्थान के 12 जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास के क्षेत्रों मे कार्य कर रही संस्था “सृष्टि सेवा समिति” के अध्यक्ष है | 

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