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Jhalle di Gallan / झल्ले दी गल्लां Satires on Politics by a Non-Political Satirist

Author Name: Jagmohan Sablok | Format: Paperback | Genre : History & Politics | Other Details

"पक्ष विपक्ष सभी महान, सो

झल्ले के व्यंग सबपर समान"

 

बूढा रहे झल्ले का यह राष्ट्र को समर्पित झल्लयापा हैं। भ्र्ष्टाचार, अनैतिक राजनीति, आदि विसंगतियों पर कटाक्ष करने का एक व्यंगात्मक दुस्साहस कहा जा सकता है। इसमे कहीं कहीं अपने दिल की पीड़ा को काव्यात्मक शैली में पिरोने का भी प्रयास किया है।यह मुझ जैसे लाखों पीड़ितों  की व्यथा बताती है।

कुल मिला कर वर्तमान विसंगतियों पर व्यंगों के माध्यम से भड़ास निकालने का एक यह एक विनम्र प्रयास है।

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जगमोहन सबलोक

नामांकरण।        जगमोहन सबलोक

जन्मोत्सव          15 मार्च 1952

जन्मस्थली।         मेरठ छावनी

कागद छुए।         स्नातक (गणित+विज्ञान के बगैर)

उपलब्धियां।        बस्ता खाली 

राजनीतिक

संलिप्तता।             बचा हुआ हूँ

सम्भवत इसी लिए पक्ष विपक्ष सभी की महानता स्वीकार करके अधिकांश नेताओं की भृष्ट राजनीति पर एक अराजनीतिक दृष्टिपात हैं जो वर्तमान विसंगतियों में नितांत आवश्यक हैं |

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