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Kaagaz Ke Mahal / काग़ज़ के महल कुछ ख़्याल और शायरी

Author Name: Ravi Kumar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

दिल और दिमाग़ की गहराईओं में रखे सैकड़ों जज़्बात अक्सर ज़ुबां के रास्ते मंज़िल ना पाने की वजह से किसी कोने में दबे रह जाते हैं । बस एक पन्नों की दुनिया है जहाँ बिना किसी सवाल जवाब के स्याही जज़्बातों को अपने साथ बेझिझक सही और ग़लत के पार ले जाती है । काग़ज़ के महल ऐसे  ही सैकड़ों जज़्बातों का निचोड़ है जो हालात और उम्मीद की कश्मकश में सुन्न हो जाते हैं ।

 

जज़्बातो की चाशनी में डूबी यह किताब इंसानी रिश्तों की जद्दोजहद से जुड़े कई अनकहे पहलुओं को ख़ूबसूरती से बयाँ करती है, जिससे आप ख़ुद को कहीं ना कहीं जुड़ा पाएँगे । दरसल इस किताब में लिखी बातें हर उस इंसान से ताल्लुक़ रखती हैं जो अकेले में कुछ याद करके या तो मुस्कुराता है, रोता है, अनमने मन से याद को मिटाने की नामुमकिन कोशिश करता है या फिर सिर्फ़ एक लम्बी साँस लेकर वापस असलियत की दुनिया में लौटने की कोशिश करता है ।

 

सभी उम्र के पाठकों के लिए लिखी ये कविताएँ, आजकल के युवा वर्ग को ध्यान में रखते हुए रोमन यानी अंग्रेज़ी में लिखी हुई हिंदी में भी प्रकाशित की गयी हैं जो इस किताब को और ख़ास बना देती हैं।

 

कुछ जानी पहचानी पंक्तियाँ जो इस किताब का हिस्सा हैं –

 

लिखे थे वो ख़त जिनको

आए फिर वो याद सभी

काग़ज़ के कुछ पुर्ज़ों से

जुड़े थे यूँ जज़्बात सभी

 

भीड़ बहुत है चारों ओर

तनहा मन घबराता है

हाल-ए-दिल बस लिखते हैं

अल्फ़ाज़ों में हैं राज़ सभी

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रवि कुमार

पेशे से एक कम्यूनेकशन सपेशलिस्ट, रवि नें बतौर टीवी पत्रकार एक लम्बा अरसा देश के जाने माने न्यूज़ चैनल्स के साथ काम करते हुए बिताया है, जिसके बाद उन्होंने कौरपरेट जगत का रुख़ किया और देश विदेश की प्रमुख कम्पनियों में बतौर मार्केटिंग कम्यूनिकेशन एक्सपर्ट अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। कई जाने माने मंचों पर अपनी कविताओं को अपने ही अंदाज़ में सुनाने के लिए मशहूर, रवि देश के कुछ गिने चुने लेखकों में से हैं जो एक तरफ़ तो हिंदी और उर्दू में कविताएँ, शेर, नज़्म इत्यादि लिखते हैं, साथ ही अंग्रेज़ी भाषा में कल्पनाओं के परे गढ़ी कहानियाँ भी बख़ूबी लिखते हैं। ‘काग़ज़ के महल’ इनकी पहली किताब होने के साथ साथ तीन पुस्तकों की शृंखला की पहली किताब भी है जो आने वाले वक़्त में आपको पढ़ने को मिलेंगी । इनकी दूसरी किताब ‘ख़्यालों से आगे’ में तेज़ी से जुड़ती रचनाओं की रफ़्तार देखते हुए इनकी दूसरी पुस्तक भी पाठकों के लिए जल्द ही उपलब्ध होगी।

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