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Kacchi Kavitayen / कच्ची कविताएँ

Author Name: Rahul Srivastava | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"में कोई कवी या लेखक नहीं हूँ , 
ऐसा भी नहीं कि बहुत कुछ जानता ही हूँ,
बस जो दिल में आता है कह देता हूँ , 
जो कह नहीं पाता लिख देता हूँ,
बड़े कवी की कविताएँ बड़ी होती हैं , 
जो लिख देते हैं पंक्तियाँ वो पंक्तियाँ अटल होती हैं ,
कच्ची मिट्टी के बर्तन तोड़े जा सकते हैं ,
 गला कर फिर से बनाये जा सकते हैं ,
कच्चे रास्ते घर तक ले जाते हैं , 
जहाँ जरुरत हो वहां मोड़े जा सकते हैं,
कच्ची कैरी अचार में काम आती हैं , 
बाकि बची बाद में मीठा आम बन जाती हैं,
मेरी कविताएँ कुछ ख़राब कुछ अच्छी हैं , 
में भी कच्चा हूँ ये भी कच्ची हैं।"
-राहुल श्रीवास्तव

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"में कोई कवी या लेखक नहीं हूँ , 
ऐसा भी नहीं कि बहुत कुछ जानता ही हूँ,
बस जो दिल में आता है कह देता हूँ , 
जो कह नहीं पाता लिख देता हूँ।"

-राहुल श्रीवास्तव

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