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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palखुशी कहाँ मिलेगी? दिल बार-बार कहाँ चला जाता है?
बारिश खेल से आफत कब बन गयी?
क्या शोर में भी सुकून मिल सकता है?
बचपन इतना याद क्यों आता है ?
इश्क़ रिझाता भी है, तड़पता भी है। ऐसा क्यों होता है?
कुछ ऐसे ही सवालों को मन के आईने से देखकर लिखी गयी हैं इस संग्रह की कवितायेँ। पढ़ने वाले को लगेगा कि "अरे, ये सवाल तो मेरे मन में आता रहता है।" और ये कवितायेँ पढ़कर, इनकी लय में छुपे ख्याल भी पढ़ने वाले को अपने ही लगेंगे। तो अलग क्या होगा? अलग होंगे इन सवालों के जवाब। कैसे? कभी दो व्यक्तियों का सामान प्रतिबिम्ब हो सकता है क्या? आइये पढ़े ये कवितायेँ मन की नज़र से।
अजिता स्वरुप सरन
अजिता लखनऊ से ताल्लुक रखती हैं और इस वजह से इनकी लेखनी में उर्दू भाषा की झलक साफ़ दिखाई देती है। ये MBA हैं और पेशे से एक MNC में मार्केटिंग डिपार्टमेंट में काम करती हैं। कवितायेँ पढ़ने और लिखने का शौक इन्हें बचपन से रहा और ये संग्रह इन्होंने ६ साल के काम के बाद तैयार किया है। अजिता पौराणिक कथाओं में भी रूचि रखती हैं और अपना फेसबुक पेज Godlore के माध्यम से लोगों तक ये कहानियां सरल भाषा में पहुँचाती हैं। ये एक लेखिका और मार्केटिंग प्रोफेशनल होने के साथ एक माँ भी है। अपनी बेटी और गोल्डन रिट्रीवर के साथ समय बिताना इनके खुशमिजाज व्यक्तित्व का मुख्य कारण है।
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