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Manzar Udass aankhon ka / मंज़र उदास आंखों का

Author Name: Arun Kumar Yadav | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

वो कवि थे डॉक्टर कुमार विश्वास और तभी से मैंने भी अपने नाम के आगे विश्वास लगाना शुरू किया और
इसी कोशिशों के बीच जब मैं प्रेम में आया तो मैंने लिखना भी प्रारंभ कर दिया पहले तो प्रेम की मुक्तक बनी फिर जब वो मुकर गया तो प्रेम वियोग में बदल गया और आंखें उदास रह कर जो मंज़र दिखाती रही  वही मैं लिखता रहा जो आज भी जारी है।
मैंने अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई अमरोहा जिले से कि है और उसके इंटरमीडिएट, बी ० एस ०सी०, एम ० एस ० सी ०,एलएल०बी० इलाहाबाद से ही पूरी की
मैं पेशे से इलाहाबाद के हाई कोर्ट में एक वकील हूं  
और समय मिलने पर देश के हालात पर,किसान की हालत पर लिखता रहता हूं।

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अरुण कुमार यादव

मेरा नाम अरुण कुमार यादव लेकिन लगभग 2007-8 के पास जब कवि सम्मेलन की दुनिया आधुनिकी का चोला ओढ़ रही थी तो उस समय मैं अपने जन्म स्थान अमरोहा से गांव इलाहाबाद की ओर आ रहा था समय रात का था और काटने के लिए एक मोबाइल मैं मोबाइल में गाना सुनते आ रहा था तभी अचानक मेरे फोन में से एक कवि सम्मेलन बजने लगा वो कवि सम्मेलन था पूरे 57 मिनट का जैसे ही वह कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ मेरी नींद पूरी तरह से खुल गई यकीन मानिए मैंने उसे 5 बार सुना ।
उस कवि की कहीं हर बात  ऐसी प्रतीत हो रही थी जैसे मेरे लिए कह रहा हो मेरी ही भाषा में  क्योंकि मैं अपने जन्म 1994  से  2009 तक अमरोहा में ही रहा और इस बीच 2 या 3 बार मैं अपने गांव इलाहाबाद आया था  और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भाषा को बखूबी जानता और बोलता था।
तो मैंने जब बड़े मंच से अपने जैसे बोलने वाले कवि को सुना बहुत तो संतोष हुआ ।  बस उसी दिन से उस कवि के बारे में जानना शुरू किया और आज तक कुछ न कुछ जानने की कोशिश में ही हूं ।

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