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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमैंने लिखा है,
रोज़मर्रा की बातों को,
कुछ ज़ज्बातों को,
जो उपजे हैं उन किस्सों से।
मैंने चुराया है,
कुछ जीवंत पलों को,
कुछ किरदारों को,
कुछ भूली हुई कहानियों को,
मैंने पिरोया है,
भावों की माला को,
और मैंने किया है,
एक अथक प्रयास,
अपने हुनर को तराशने की,
शब्दों से आपको बांधने की,
भावों के साथ आपको जोड़ने की।
मैंने लिखा है,
एक अधूरी पहचान को,
ह्रदय की सहजता और दुर्बलता को,
अपने सामर्थ्य और सीमा को,
और लिखा है,
अपने सीमित एकांत में,
एक मौन कोलाहल की अनुगूँज को |
मृदुला पाठक
मृदुला पाठक का जन्म पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने होली क्रॉस स्कूल से हासिल करने के बाद उच्य शिक्षा वाराणसी और इल्लाहाबाद से प्राप्त किया। वह ग्राफ़िक और कंटेंट डेवलपर के पद पर कार्यरत हैं ।
मृदुला साफ़गोई पसंद हैं। उनका मानना है कि लेखन और पाठन, बातचीत के ही रूप हैं, निष्क्रियता और आंदोलन के विपरीत। और लेखन को अभिव्यक्ति का अच्छा माध्यम मानती हैं। उनका कहना है कि लेखन कला उन्हें विरासत में मिली है अपने माता-पिता से ।
बोलचाल की सहज भाषा में रची यह काव्य कृति पाठक के मन को छू कर गुजरेगी और निश्चित रूप से एक अलग पहचान भी बनाएगी | मृदुला इस काव्य कृति के माध्यम से लम्हों को नर्म लफ्जों में डुबोकर, चित के दृश्य को आँखों के सामने सजीव करने की क्षमता रखती हैं, लम्हें जो प्रेरित हैं रोज़मर्रा के किस्सों और जज्बातों से, तो कुछ उपजे हैं प्रेम, व्यंग, उत्सव और उत्साह से ।
आवरण- मृदुला पाठक
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