Share this book with your friends

Mewar Ka Bishampitamah / मेवाड़ का भीष्मपितामह

Author Name: Shyam Sundar Bhatt | Format: Paperback | Genre : History & Politics | Other Details

देवव्रत नामक हस्तिनापुर का युवराज अपने पिताश्री की प्रसन्नता के लिए आजन्म कुँवारा रहकर सत्ताशीर्ष से स्वयं को विरत कर देने की प्रतिज्ञा कर लेता है और राष्ट्र की सेवा में स्वयं को खपा देता है | इसी कारण इतिहास में वह भीष्म पितामह के नाम से प्रसिद्ध हो जाता है | ठीक ऐसा ही उदाहरण मेवाड़ के राजवंश में महाराणा लाखा के पुत्र युवराज चूण्डा ने प्रस्तुत किया है | पिता के मन में आए विवाह के रंग को पढ़कर स्वयं के वाग्दान हेतु प्रस्तावित राजवंशी युवती के साथ अपने पिताश्री का विवाह करा देता है और परिणाम स्वरुप भावीनृपति बनने की संभावनाओं को सदा के लिए तिलान्जली दे देता है और माटी के प्रति सदा समर्पित रहता है | राजनीतिक उठापटक के क्रम में उसे देश से निष्कासन का अभिशाप भी भोगना पड़ता है | उसकी अनुपस्थिति में नई रानी से उत्पन्न लाखा के पुत्र महाराणा मोकल की हत्या और चूण्डा के भाई राघवदेव की हत्याओं से विचलित मोकल पुत्र महाराणा कुम्भा के आमंत्रण पर चूण्डा पुनः मेवाड़ में आता है और देश को निष्कटक करने में संलग्न हो जाता है | 

मेवाड़ के उसी भीष्मपितामह के जीवन के कतिपय पहलुओं को इस ग्रंथ में ग्रंथित किया गया है | इतिहास साक्षी है कि अवसर आने पर भी श्री चूण्डा के वंशजों ने कभी भी मेवाड़ के सिंहासन को हथियाने का विचार तक नहीं किया | वंश प्रमुख की प्रतिज्ञाओं का परिपालन आज तक चूण्डावत क्षत्रिय समाज करता आ रहा है |

Read More...
Paperback
Paperback 225

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

श्याम सुन्दर भट्ट

श्री श्याम सुन्दर भट्ट राजस्थान के प्रतिष्ठित साहित्यकार है | ऐतिहासिक उपन्यासों के क्रम में श्री परशुराम, श्री हारीत, बप्पारावल, हमीर, प्रताप, अमरसिंह, सांगा, राजसिंह, चचदेव, दाहरसेन जैसे चरित्रों पर आप कलम चला चुके है | फीजी में बसे भारतीय समाज एवं राजस्थान के वनवासी समाज पर भी आपके उपन्यास है | श्री परशुराम एवं श्री हारीत पर लिखे उपन्यासों की प्रशंसा भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र जी मोदी भी कर चुके है | राजस्थान साहित्य अकादमी, राज्य सरकार, महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन एवं कई संस्थाओं द्वारा आप सम्मानित है | सम्प्रति, दक्षिणी राजस्थान के 13 जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि जैसे कई प्रकल्पो में लगभग 700 सवैतनिक कर्मचारियों के माध्यम से सेवारत सृष्टि सेवा समिति, उदयपुर के आप अध्यक्ष है |

Read More...

Achievements

+9 more
View All