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MRIGTRISHNA / मृगतृष्णा काव्य-संग्रह

Author Name: Arpit Maurya | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

‘मृगतृष्णा’ का जैसा अर्थ है अधिकतर वैसी ही कविताएं इस काव्य-संग्रह में संकलित की गई हैं। वास्तव में इस संसार में लगभग सब कुछ एक समय के पश्चात समाप्त हो जाता है। इस काव्य-संग्रह में कवि ने उसी क्षणिक भाव का वर्णन करने का प्रयास किया है जहाँ से जल स्वरूपी खुशियां इस जीवन के मरुस्थल में प्रतीत होती हैं लेकिन अगले ही क्षण वास्तिकता का ज्ञान हो जाता है। 

         कवि ने प्रकृति के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का असीम प्रयास किया है। इन रचनाओं में प्रकृति का सौन्दर्य और हमारे आस-पास ही होने वाली गतिविधियों में कितना सौन्दर्य छिपा है ये देखने को मिलता है। 

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अर्पित मौर्य

अर्पित मौर्य 'अद्वैत' एक लेखक एवं कवि हैं। अर्पित का जन्म जौनपुर के निकट अर्गूपुर कला गाँव में हुआ। इनकी माता का नाम रेनू देवी है तथा पिता लालचंद मौर्य हैं। अर्पित को पढ़ने का शौक बचपन से ही लग गया था। उनके दादा, राम प्रीति मौर्य ने इस रुचि को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अर्पित की शिक्षा-दीक्षा पर उन्होंने विशेष ध्यान दिया। 12 वर्ष की आयु में अर्पित ने उपन्यास एवं कविताओं को लिखना प्रारंभ कर दिया था। अर्पित का एक लेखक बनने का सपना तब साकार हुआ जब उनके द्वारा लिखा गया उपन्यास अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हुआ। अर्पित हिन्दी, अंग्रेजी एवं उर्दू में सक्रिय रूप से रचनाएं कर रहे हैं। अर्पित की अधिकतर कविताएं या तो प्रकृति के सौन्दर्य का वर्णन करने के उद्देश्य से लिखी जाती हैं अथवा वो शृंगार रस में होती हैं। 

   

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