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Vivek SreedharAuthor of Ketchup & Curryआकाश का मानना है कि मर्द जब कहीं किसी सोसायटी में बैठते हैं, तो अपना इम्प्रेशन बढ़ाने के लिए कहते हैं कि औरतें-आदमी इकुअल हैं, औरतें मर्दों से बेहतर हैं| मगर ये सब रटी-रटाई बातें होतीं हैं| असल जिंदगी में जब इन शब्दों की सच्चाई से उनका सामना होता है, तो उनका मर्द होने का अहंकार सामने आ जाता है कि हम आदमी हैं, औरत हमारे लिए करे, ये हमारी शान के खिलाफ है| लेकिन आकाश की सोच वाकई ऐसी नहीं है| वो अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय देता है, अपनी पत्नी रागिनी को| रागिनी जो उसकी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ है| जिसने हर कदम पर आकाश का हाथ पकड़ कर उसे संभाला| और रागिनी, जो आकाश से कहीं ज्यादा सक्सेसफुल है वो खुद भी यही कहती है कि “एक असली लाइफ पार्टनर वही है जो आपकी स्ट्रेंथ बने, आपकी कमजोरी नहीं, और मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ है, आकाश |”
ऋतु
ऋतु, जो 19 सालों से हाउसवाइफ हैं| पिछले 2 सालों से, एक टीवी प्रोग्राम से प्रेरित होकर इन्होनें लिखना प्रारंभ किया| वो अपनी रोज़ाना की दिनचर्या के दौरान काम करते हुए, मन में आये विचारों को कागजों पर रचनाओं का रूप दे रहीं हैं | इनका मानना है कि कोई भी काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से किया जाये तो एक दिन कामयाबी ज़रूर मिलेगी, और इसी उम्मीद के साथ वो अपनी हर रचना को, अपना 100% देने की कोशिश कर रहीं हैं|
ग़ज़लें सुनना और घूमना इन्हें बेहद पसंद है|
अपनी पहली रचना “इंतज़ार ” के बाद “माय स्ट्रेंथ ” इनकी दूसरी कोशिश है|
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