Share this book with your friends

Network Marketing / नेटवर्क मार्केटिंग उज्ज्वल भविष्य का सिंहद्वार

Author Name: Virendra Kumar Dewangan | Format: Paperback | Genre : Business, Investing & Management | Other Details

पुस्तक-विवरण
स्वामी विवेकानंद ने कहा था, ‘‘हर अच्छी बात का पहले मजाक बनता है, फिर उसका विरोध होता है और अंत में उसे स्वीकार लिया जाता है।’’
नेटवर्क मार्केटिंग की भी यही स्थिति है। लोग उत्पाद, मीटिंग, सेमीनार-वेबीनार सीडी-कैसेट, अपलाइन-डाउनलाइन को या तो समझते नहीं या समझना नहीं चाहते, जो नेटवर्क मार्केटिंग के अनिवार्य उपकरण हैं। उन्हें देखना चाहिए कि कोई नेटवर्किग कंपनी, व्यावसायिक कानूनों व शासन द्वारा निर्मित डायरेक्ट सेलिंग के नियमों का पालन कर रही है या नहीं; जीएसटी व आयकर अदा कर रही है या नहीं; पक्का बिल दे रही है या नहीं। 
नेटवर्किंग जहां कमाई का पवित्र साधन है, वहीं उत्तम चरित्र का निर्माता भी है। यह जीवन को परिपूर्ण बनाता है। वस्तुतः, यह 21वीं सदी का पाक-साफ व्यवसाय सहित बेहतर भविष्य का निर्माणकर्ता भी है। 
  --00--

Read More...
Paperback
Paperback 150

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

वीरेंद्र देवांगन

 लेखक-परिचय
 लेखक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं। लिखने-पढ़ने में रुचि के चलते वे अपने-आप को लेखन-कर्म में संलग्न रखे हुए हैं। 
उनकी तीन दर्जन से अधिक किताबें अमेजन किंडल एवं नोशन प्रेस में छपी हैं, जिनमें लघुकथाएं, व्यंग्य-रचनाएं, बालकथाएं, उपन्यास, जीवनियां और प्रबंध-निबंध प्रमुख हैं। 
लेखक की 450 से अधिक रचनाएं साहित्य लाइव में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके द्वारा रचित लघुकथाएं, व्यंग्य-लेख, बाल कहानियां विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। वे प्रतियोगिता पत्रिकाओं के लिए भी लिखते हैं।
     --00--

Read More...

Achievements

+4 more
View All