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Parmatma Katghare Main / परमात्मा कटघरे में

Author Name: Dr. Atma Ram Singh | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

ये किताब वास्तव में आपके अपने जीवन का ही एक आईना है। वरक दर वरक ,जिल्द दर जिल्द जैसे जैसे आप आगे बढ़ेंगे आप खुद को ही पाएंगे ।आप पाएंगे कि, हर एक नज़्म हर एक कविता आपके ही जीवन के किसी एक दौर को छू रही है।कब आपको राह चलते किसी को दर्द में शुमाया देख कर कुछ करने की हूक उठी,कब आपको पहली दफा इश्क़ हुआ ,कब आप रूमानी हो गए और कब आपको किसी को बेवजह शुर्किया कहने का दिल हुआ। इस काव्य संग्रह को लिखने का दौर भी करीब करीब १८-२० सालों का है । आप पढ़ें और अगर कुछ ताकीद करने लायक राय आप देंगे तो मुझे लगेगा की किसी अपने ने मेरे कंधे पे हाथ रख कर आगे बढ़ने का हौसला दिया है।

 

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डॉ. आत्मा राम सिंह

डॉक्टर आत्माराम सिंह वाराणसी में चर्म रोग विशेषज्ञ हैं एक मेडिकल डॉक्टर होने के अलावा ह्रदय से कवि भी हैं। शिक्षा दीक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय गोरखपुर से हुई तदोपरांत वर्तमान में उत्तर प्रदेश राजकीय सेवा में चिकित्सा अधिकारी का पद सुशोभित कर रहे हैं। कवि हृदय की संवेदनशीलता उन्होंने बचपन से ही पाई और 7-8 वर्ष की उम्र में ही काव्य रचना शुरू कर दी,जो कि अभी भी जारी है। काशी का प्रभाव व्यक्तित्व पर पूरा पड़ा है जो कि इनकी रचनाओं में झलकता भी है,और इसी वजह से इनके व्यक्तित्व में अध्यात्म, दर्शन तथा संस्कृति के भी अंश दिखाई देते हैं।
वर्तमान में डॉक्टर आत्माराम सिंह वाराणसी में अपने माता - पिता, पत्नी अंजली सिंह और दो जुड़वा बच्चों चैतन्य सिंह तथा अनन्य सिंह के साथ रह रहे हैं।

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