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Ranbhumi Mein, Main Hoon Nahin / रणभूमि में, मैं हूँ नहीं

Author Name: Ankush sharma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह पुस्तक एक एक  विचारशील काव्य संग्रह के रूप में प्रस्तुत होती है, जिसमें लेखक ने मानवीय अस्तित्व और आंतरिक संघर्ष को बड़ी सूक्ष्मता से व्यक्त किया है। यह  पुस्तक  मनुष्य के आंतरिक युद्ध को दर्शाती है, जो हमारे भीतर की मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों से जुड़ा है। पुस्तक का उद्देश्य न तो केवल साहित्यिक प्रदर्शन है, न ही किसी प्रकार का बाहरी उद्देश्य है, बल्कि यह अस्तित्व और जीवन के रहस्यों पर एक गहरी सोच को प्रकट करता है।

कविताओं में लेखक ने न केवल अस्तित्व और आंतरिक संघर्षों का चित्रण किया है, बल्कि कभी-कभी प्रकृति के सौंदर्य को भी सराहा है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए एक प्रेरणा और यात्रा का प्रतीक हो सकती है जो अपने जीवन के गहरे सवालों पर विचार करते हैं और जो अपनी आंतरिक धारा से जुड़ने के लिए नए दृष्टिकोण की तलाश में हैं।

यह संग्रह उन पाठकों के लिए उपयुक्त है जो जीवन की जटिलताओं और अस्तित्व के रहस्यों पर विचार करना पसंद करते हैं, और जो प्रकृति के सौंदर्य में भी गहरी समझ और आस्था रखते हैं।


 
 

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अंकुश शर्मा

इस पुस्तक के लेखक एक विद्यार्थी है और हमेशा कुछ नया सीखने की इच्छा रखते हैं। उनका उद्देश्य किसी विशेष परिणाम को प्राप्त करना नहीं, बल्कि जीवन और अस्तित्व के गहरे अर्थ को समझना है। उनका लेखन इस जिज्ञासा और सीखने की प्रक्रिया को व्यक्त करने का एक साधन है, जो उन्हें हमेशा अपने विचारों और अनुभवों पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करता है, लेखक किसी विशेष उद्देश्य से कविता नहीं लिखते, बल्कि यह उनके लिए एक शौक है । उनके लिए कविता लेखन एक प्राकृतिक प्रवृत्ति है, जो उन्हें अपने आंतरिक संसार को समझने और व्यक्त करने का एक तरीका प्रदान करता है। यह लेखन उनके लिए एक साधन है, जिसके माध्यम से वह जीवन और अस्तित्व के प्रति अपनी जिज्ञासाओं को शांत करते हैं।

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