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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"रेशों सी बंधी डोर" जीवन और समाज की वास्तविकताओं से एक प्रगतिवादी सोच का साक्षात्कार है, जो जीवन के हर पहलू को बड़ी आत्मीयता से छूता हुआ निकल जाता है।
यहाँ संग्रहित लगभग हर कविता में एक कहानी है जो पाठक को उसके साथ केवल जोड़ती ही नहीं बल्कि वर्तमान परिवेश में उसकी अपनी भूमिका को परखने का आग्रह भी करती है। साथ ही उसे इस यथार्थ से भी परिचित कराती है कि व्यक्ति, समाज, देश और सभ्यताओं के जुड़ाव का मूल मनुष्य के मानव होने में निहित है न कि खोखले आडंबरों और प्रतिमानों में।
निर्मला तिवारी
निर्मला तिवारी, का जन्म अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड और परवरिश उत्तरप्रदेश के बरेली ज़िले में हुई। यहीं रहकर रोहिलखंड विश्वविद्यालय से इन्होंने स्नातकोत्तर और शिक्षा स्तातक की शिक्षा प्राप्त की। वर्तमान में वह दिल्ली में रहते हुए ग़ाज़ियाबाद के एक प्रतिष्ठित स्कूल में राजनीतिक विज्ञान की शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं।
"रेशों से बंधी डोर" इनका पहला काव्य संग्रह है। इस संग्रह में संकलित कविताओं का रचनाकाल नब्बे के दशक से शुरू होता है, जो भारतीय राजनीति एवं समाज में परिवर्तन का युग माना जा सकता है। इसी परिदृश्य में लिखी गई ये कविताएँ गहन मानवीय संवेदनाओं से वार्तालाप करती हुई प्रतीत होती है।"
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