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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहर एक लेखक का सपना होता है के, वह अपनी रचनाओं को लिपि में बदलते हुए देखे | मैंने इसीलिए ये किताब लिखी है | यह किताब वास्तविकता और कल्पनाओं का मेल है | इस कहानी का मुख्य पात्र एक अमीर घराने का लड़का है, जोकि अपने ही प्रसिद्धि से परेशान होकर, आकस्मिक घटनाओं में फंस कर घर से बेघर हो जाता है | उसी वक्त उसे एहसास होता है कि, ये उसके पास एक सुनहरा अवसर है खुद को जानने का |
वह कई शहरों का सफर करता है, अपनी यात्रा के दौरान | जाने अनजाने बहुत सारे लोगों से मिलता है, कुछ पुराने मित्र और उसकी प्रेमिका उसके जीवन में, अपनी मौजूदगी का एहसास कराते है | इस यात्रा के दौरान कई साल बीतते हैं और वह जीवन के उतार-चढ़ाव, सुख दुख का अनुभव करता है |
इस यात्रा के दौरान, कहानी का मुख्य प्राप्त पात्र कई लोगों से मिलता है, उनमें से कुछ अघोरी बाबा उसके जीवन में एक बड़ा प्रभाव छोड़ जाते हैं | वो हजारों कठिनाइयों का सामना करता है, पर परिस्थितियों से हार नहीं मानता | अपने दृढ़ निश्चय से वह विकट परिस्थितिओं से भी उभरता है |
यह किताब रोमांच और हास्य कौतुक घटनाओं से परिपूर्ण है |
आखिरकार वो अपने सपनों को हासिल कर पाता है या नहीं ? वह जिस चीज को तलाश रहा है ,वह उसे मिलती है के नहीं | क्या वो अपने ख्वाहिसों को हकीकत में बदल पाया ? यह कहानी उसी के बारे में है|
आर. नारायण
लेखक ने ये किताब अपने छद्मनाम ‘आर नारायण’ से लिखी हैं | उनका जन्म २४ मार्च १९८६ ई : में बिहार राज्य के कटिहार जिले में हुआ था | उन्होंने अपनी पढ़ाई रामकृष्ण मिशन से की और उसके बाद अंतर स्नातक की पढ़ाई दर्शन साह महाविद्यालय से | उसके बाद लेखक ने पटना से अपनी स्नातक की पढ़ाई २००५ में पूरी की |
फिर लेखक ने अपने आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए २०१२ में ‘सूर्य देव विधि विद्यालय ‘ से एल.एल.बी पूरा किया | उसके बाद २०१२ से से न्याय विधि संगत कार्यों में जुड़े रहें | लेखक को चित्रकला का भी अनुभव है , उन्होंने ‘’निखिल भारत संगीत समिति, कोलकाता ‘’ से चित्रकला में दक्षता हासिल की है | उन्हें लिखने का शौक पिछले १० सालों से हैं | इसके अलाबा लेखक बांग्ला और अंग्रेजी भाषा के भी जानकार हैं |
इसके अलावा उन्हें बागवानी का भी शौक है, खास तौर पर जल कुमुदिनी पसंद है | उन्हें घूमने जाना बहुत पसंद है ,खास कर हिमालय की वादियों मे |
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