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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकोरोना काल में भले ही जिंदगी थम सी गई थी और हम सब अपने-अपने घरों में सिमट कर रह गए थे और एक अदृश्य विषाणु की भयावहता के आतंक से त्रस्त-ग्रस्त और आतंकित थे, हम अज्ञान थे इस बात से कि मौत हमें अपने भयानक पंजों में दबोचने के लिए कहाँ बैठी हैं? लेकिन कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने अपनी और अपनों की चिन्ता किए बिना इस भयावह और सर्वव्यापी महामारी के दौर में भी अपने कार्य को जारी रखा हुआ था। वह किसी देवदूत अथवा सुपर हीरो से कम नहीं थे और वह थे हमारे कोरोना योद्धा ! यह पुस्तक उन्हीं कोरोना योद्धाओं को कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए समर्पित है।
घरों में सिमटी हुई जिंदगी जैसे थम सी गई थी लेकिन हमारे मस्तिष्क में कहीं न कहीं अनेक प्रश्नों का झंझावात चल रहा था। आखिर यह भयावह स्थिति किस प्रकार बनी? किस कारण बनी? क्यों हम अपने घरों में सिमट कर रह गए? क्या प्रकृति हमसे रूठ गयी? घरों में सिमटी हुई जिंदगी के बावजूद भी मन और मस्तिष्क में विचारों के अंधड़ चलते ही रहे और इन्हीं विचारों की उहापोह से कोरोना काल की कविताओं का सृजन हुआ और उन कविताओं के सृजन से यह नवनीत रूपी कोविड: काव्य संकलन “सिमटी जिंदगी” शैशव से प्रौढ़ता को प्राप्त हुआ। विविधता से परिपूर्ण यह काव्य संकलन कालजयी रचनाओं में सम्मिलित होगा। ऐसी हम आशा करते हैं।
सम्पादक डॉ. राहुल उठवाल
डॉ. राहुल उठवाल मूलतः जनपद सम्भल उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव भारतल सिरसी के निवासी हैं। वर्तमान में वह गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं। सामान्य सरल जीवन जीने एवं हिन्दी भाषी प्रदेश का होने के कारण उनका हिन्दी के प्रति अगाध श्रद्धा एवं सम्मान है, वह भारतीय मानव मूल्यों के प्रति बहुत समर्पित व्यक्ति हैं। वह पिछले पन्द्रह वर्षों से भारत सरकार की डिफेन्स फोर्सेज में सेवारत हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने एम.ए. (हिन्दी, समाजशास्त्र), डी. टी. एच, बी. डी, एम. डिव, पी. जी. डी. डी. एम. एवं पी-एच.डी की उपाधि प्राप्त की है। एम. एच. वाकरी मैमोरियल महाविद्यालय, सैदनगली, अमरोहा, (उ.प्र.) में व्याख्याता रूप में एवं शंकर इंटरमीडिएट कॉलेज, सैदनगली, अमरोहा, (उ.प्र.) में सहायक अध्यापक के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं। सन् 2015 में उन्हें भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हारिज, जी ओ सी-इन सी, सैन्य प्रशिक्षण कमाण्ड शिमला द्वारा स्कॉलर वारियर बैज (विद्वान योद्धा पदक) एवं सन् 2020 में अंतर्राष्ट्रीय भानु प्रतिष्ठा संस्थान, सिनामंगल, काठमांडू, नेपाल द्वारा “भानु साहित्य सम्मान” से सम्मानित किया जा चुका है। वह इंटरनेशनल जर्नल ऑफ हिन्दी रिसर्च एवं इग्नाइटेड माइंड प्रोफेशनल एंड एकेडमिक रिसर्च कंसोर्टियम के एडिटोरियल बोर्ड मेम्बर हैं। इसी के साथ उनकी दो पुस्तकें डॉ. नरेन्द्र कोहली के कृष्णापरक उपन्यासों मे जीवन-मूल्य (शोध-प्रबन्ध) एवं समकालीन हिन्दी साहित्य: विविध परिदृश्य प्रकाशित हो चुकी हैं। सम्पर्क- दूरध्वनी: +91-7066508089, +91-9149795650 अणुमेल: profrahul9@gmail.com
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