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Tahalta Kavi - Saprem / टहलता कवि - सप्रेम

Author Name: Prateek Singh | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

किसी के लिए किसी की भी प्रेम भावना, केवल एक भाव भर नहीं होती। इसका अपना एक संसार होता है। इसके अपने कई सुख -दुःख वाले कहानियां-किस्से होते हैं। इसमें व्यस्तता होती है ,आराम होता है। इसमें लालसा भी है, ख़ोज भी है और प्राप्ति भी। शायद ये एक बंधन-सा है जो एक शरीर को दूसरे शरीर और एक आत्मा को दूसरी आत्मा से जोड़ता है, इसीलिए इसमें नश्वरता और अमरता दोनों हैं। इसका अकारण होना ही इसकी पवित्रता है और इसका आपको बेहतर बनाना इसकी सफलता। कितना रौचक और अलौकिक है एक प्रेमी का अपने प्रेम में एक ब्रह्माण्ड महसूस करना।  बाकि मेरे ह्रदय में इसी प्रेम भावना के स्पंदन से जो संगीत उठता है, ये सभी कवितायेँ बस वही हैं या यूँ कहें कि एक इश्तियाक़ दिल का एक कवि बनने का प्रयास भर मात्र, सप्रेम।

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प्रतीक सिंह

जन्म:

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार जन्म 30 मार्च, 1992 को राजस्थान के सवाई माधोपुर ज़िले की तह. गंगापुर सिटी में हुआ। 

शिक्षा: 

डॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर से 2014 में स्नातक पूरा करने के बाद फ़िलहाल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अधिकारी पद पर कार्यरत  

अनुभव:

बीते कुछ सालों से हिंदी लेखन में रूचि रही है। कविता-संग्रह के रूप में यह पहली किताब है। ज्यादातर रचनाएँ कोरोना काल में तालाबंदी के दौरान लिखी गयी हैं। जीवन की विविधताओं में प्रेम को आधार रखकर ही इन्हें लिखने की कोशिश की गयी है।

हिंदी कविताओं के अतिरिक्त कभी-कभार अंग्रेजी में भी कविताएँ एवं लघु -कथाएं लिखने का शौक है।

Gmail: tahaltakavi@gmail.com

Instagram: @tahaltakavi

Facebook: @tahaltakavi

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