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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palपिता के देहांत के बाद माँ के पास कुछ भी नहीं बचा था, जो जमा पूंजी थी वो पिताजी की बीमारी के ईलाज के चलते खत्म हो गयी थी। अब एक खेत बचा था, माँ की आखिरी उम्मीद लेकिन वो भी अब बिक चुका था। माँ सिलाई करके अपने छ: बच्चों का किसी तरह पालन-पोषण कर रही थी। मनीष पढाई में बहुत होशियार था और हर कक्षा में अव्वल आता था। लेकिन माँ आठवीं कक्षा के बाद पूरी फीस नहीं चुका सकी। इसलिए उसका दाखिला सरकारी स्कूल में करवा दिया गया। मनीष माँ को दुःख नहीं देना चाहता था, फिर भी उससे गलतियाँ हो जाती थी।
मनीष ड्यूटी पर जाने से पहले अपने दोस्त सुधीर के साथ माताजी के मंदिर जाने वाला था। पर उसे नहीं मालूम था कि आगे उसके साथ क्या होने वाला है? कहानी जहां खत्म हुई थी वहीं से फिर शुरू होने वाली थी।
मनीष को पता चल गया था कि नव्या ने उसके लिए सब कुछ छोड़ दिया है। अब वो उसे अकेला नहीं छोड़ सकता था। पर आगे इन दोनों की जिंदगी कैसी होने वाली थी? ये वो खुद नहीं जानते थे।
हुली
हुली, 32 वर्ष, लेखक बनना चाहते हैं। उन्हें कविताएँ और कहानियाँ लिखना पसंद है। उन्होंने 2018 से इस पुस्तक को लिखना शुरू किया था और जिसे अब पूरा किया है। यह उनकी पहली पुस्तक है। जब हुली ने अपने कार्यालय में नियत तारीख के बाद एक लेख प्रस्तुत किया था, तो उनके लेख को प्रकाशित करने से मना कर दिया गया था। फिर उन्होंने कविताएँ लिखना शुरू कर दिया और अपनी खुद की पुस्तक प्रकाशित करने की ठान ली।
हुली अब अन्य सच्ची और प्रेम कहानियों की किताबें लिखना चाहते हैं। हुली नागौर, राजस्थान के रहने वाले हैं।
हुली के बारे में जानने के लिए - hulashjangir27@gmail.com ईमेल करें।
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