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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palएक बच्चा किसी परिस्थिति में उदास, निराश एवं क्रोध पर नियंत्रण करना जानता है, तो यह उसकी भावनात्मक कौशल का विकास है.एक बच्चा किसी परिस्थिति में अपना कार्य, पढ़ाई या चीजों को व्यवस्थित करना जानता है, तो यह व्यवहारिक कौशल का विकास है.बाजार में कोई सामान दिलाते समय आप बच्चों को सोचने और चुनाव करने का मौका देते हैं, तो यह उनके विश्लेषण करने की क्षमता को बढ़ाता है.अर्थात साधारण शब्दों में कहे तो बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उनमें इन सभी कौशलता का होना जरूरी है. परंतु इसे अपने व्यवहार में लाने के लिए आपको किसी विशेष प्रकार के ज्ञान या पढ़ाई की जरूरत नहीं. दरअसल यह प्रतिदिन प्रयोग किए जाने वाले व्यवहार कि वह कला है, जिसका लगातार प्रयोग करते रहने से ही बच्चा इसकी कौशलता हासिल कर लेता है अतः इस बुक में हमारा उद्देश्य प्रतिदिन की क्रियाकलाप रूप में उपयोग किए जा रहे व्यवहारों पर बच्चों का ध्यान केंद्रित करवाना है और यह बताना कि वह किस तरह से छोटी छोटी बातों पर ध्यान देकर अपने व्यवहार में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव कर सकते हैं.
एक बच्चे के आदर्श परवरिश के लिए उन तमाम रिश्तो, भावनाओं एवं व्यवहार की कलाओं को सामने लाना होगा जो समय के साथ दबा दिए गए हैं. अतः "व्यवहारिक कौशलता के साथ परवरिश का परम अभ्यास" के इस पुस्तक में हमारा यह प्रयास रहा है कि हम उन छोटे-छोटे तौर-तरीकों एवं अनुशासन पूर्ण व्यवहारों के विषय में चर्चा कर सकें, जिसे सामान्यत: नजरअंदाज कर दिया जाता है. जबकि आदर्श तौर पर एक बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए यह अत्यंत आवश्यक है.
प्रवीण सिंह
मेरा नाम प्रवीण सिंह है. मैं एक लेखक, कवि और एक पेरेंटिंग कोच की तरह अपने क्षेत्र में कार्य करता हूं. पिछले कई सालों से मैंने यह देखा है कि लगातार वृद्धाश्रम बढ़ते जा रहे हैं. इसका मुख्य कारण है माता-पिता और बच्चों के बीच का तालमेल ना होना. अतः मैं अपनी पुस्तक के द्वारा सभी माता-पिता को यह बताना चाहता हूं, कि यदि वह बचपन से ही बच्चे की अच्छी परवरिश और एक आदर्श बच्चा बनाने की कोशिश करें. तो इस तरह की परिस्थिति कभी आएगी ही नहीं.
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