‘वत्स' हिंदी उर्दू के उभरते हुए युवा कवि हैं, जिनकी शायरी और गजलें संजीदगी और ज़िंदगी की सच्चाई बयान करती हैं। वत्स’ का जन्म ‘इलाहाबाद’ में हुआ पर छोटी आयु में ही जीवन ने उन्हें ‘मुंबई’ बुला लिए। वत्स 12 वर्ष तक कुशल संपादक रहे। वत्स की रचनाएं गांव और शहर का फर्क बखूबी दर्शाती है और प्रेम गीत दिल में एक खास जगह बना लेते हैं। 'इंशा' वत्स की दूरसी किताब है। इससे पहले उनकी कविता संग्रह 'रुह' आप सबके बीच लोकप्रिय है।'ईशा' से वत्स अपनी कुछ नई शायरी आप सबतक पहुंचा रहे हैं।