मैंने बड़ों से सुना है और कई जगह पढ़ा भी है कहते हैं कि साहित्य दर्पण समान होता है, जो समाज व व्यक्ति को सही रास्ता दिखाता है। सत्य के दर्शन कराता है, साहित्य में भी काव्य जो बहुत मजबूत माध्यम है बात को सही व सटीक तरीके से लोगों तक पहुचाने का साहित्य व काव्य तो मुझे विरासत में ही मिला है मैं यह दावा नही करती की मेरी ये छोटी छोटी कविताएं छंद व व्याकरण के हिसाब से ठीक हैं कुछ गलतियां भी हो सकती हैं । हां पर यह कहुँगी ये मेरे मन के उदगार हैं जो मोती बन कर निकले हैं जैसे भी हैं आप के सामने हैं मन ने जो कहां कह दिया लिख दिया बस इतना ही है । यदि कुछ गलती भी हो तो छोटी बच्ची समझकर माफ कर देना यह मेरा पहला प्रयास है।