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Raat Akeli Hai / रात अकेली है

Author Name: Raj Rishi Sharma | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

‘डल’ झील ! ना जाने कितना दुख दर्द है छुपा है उसके सीने में। बहुत कुछ देखा है उसने अपनी बहती लहरों की छलकती आंखों से। बहार का मौसम भी देखा है इसने तो पतझड़ का मौसम भी देखा है। सर्दी भी देखी है तो गर्मी भी देखी है। ना जाने क्या क्या देखा है इस ने ओर क्या क्या राज छुपाये हुए है अपने सीने में।


'रात अकेली है' राजऋषि शर्मा का नवीनतम उपन्यास है। कश्मीर की हसीं वादियों में इसकी पृस्ठभूमि पर लिखा गया यह एक ऐसा मार्मिक उपन्यास है, यहां प्यार का एहसास भी है और आतंकवाद की भीषण त्रासदी भी। ऐसे परिवेश में प्यार की सौंधी खुशबू तथा युवाओं के धड़कते हुए दिलों की भावनाओं की पीढ़ा का चित्रण बरबस ही मन को भीतर तक आन्दोलित कर देता हैं ! उपन्यास को एक बार हाथ में लेने पर इसे पढ़े बिना रहा ही नहीं जा सकता।

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राज ऋषि शर्मा

     राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी तथा अंग्रेजी भाषा के सुप्रसिद्ध लेखक हैं। मुख्य रूप से यह हिंदी में ही लिखते हैं। अब तक उनकी उन्नीस पुस्तकें, कई लेख, कहानियां, कविताएं, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं तथा संग्रहों में प्रकाशित संग्रहित तथा आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हो चुकी हैं।

    राज ऋषि शर्मा १९७५ में 'महक' पत्रिका के संपादक एवं प्रकाशक भी रहे हैं। इसके साथ ही १९७७ में 'राजर्षि कल्चर क्लब' का संचालन भी इन की प्रमुख गतिविधियों में सम्मिलित रहा है।
 
    इन दिनों लेखन कार्य के साथ साथ 'महकती वाटिका’' नामक काव्य संग्रह का श्रृंखलाबद्ध रूप से सम्पादन व प्रकाशन भी कर रहे हैं।

     राज ऋषि शर्मा 'साहित्यालंकार' तथा 'साहित्य श्री' की उपाधि से भी सम्मानित किये जा चुके हैं।

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