राम कथा
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Book Description
कवि की कलम से — छोटा सा में हूं बच्चा, लिखूं मैं खुद पर क्या अच्छा, मेरे दिल से निकली गाथा, पढ़ लो तुम यह राम कथा। इसमें है एक परंपरा, जो है सिखाती जीने की कला, मेरे मन की बात सुनो, आज मेरी यह कविता चुनो। यह एक कथा है अति सुंदर, लिख दी मैंने दिल से बुनकर, चाहो तो इसको पढ लो, इसमें भरे कुछ गुण रख लो। कभी ना डरना मुश्किल से तुम, इस से सीखते यह हम तुम। - नलिन वाधवा