JUNE 10th - JULY 10th
डॉक्टर मैडम की प्रेम कथा भाग 2
अनन्या और उसकी दोस्त पहले से हीं वहाँ खड़ी थी कुछ देर मे अमन भी पहुच गया। वह देखा अनन्या ड्रेस बदल कर आई थी दोनों बहुत खूबसूरत लग रहे थे और इधर अमन बस अपना बैग रखा और उसी कपड़े मे आ गया।
अमन :- अरे वाह डॉक्टर मैडम क्या लग रही हैं आप
काजल :- डॉक्टर मैडम यह कौन है
अमन :- यही तो हैं डॉक्टर मैडम
अनन्या :- तो हम चले
अमन :- हाँ क्यों नहीं
फिर तीनों वहाँ से निकाल गए रास्ते मे बात करते हुए जा रहे हैं।
अमन :- इनका नाम
अनन्या :- काजल और काजल मैंने तुम्हें बताया था न यह वही हैं अमन
काजल :- ओ तो आप ही है अमन, आपको पता है यह आपके बारे मे हमेसा कुछ न कुछ बताती रहती है
अमन :- मेरे बारे में यह आपको क्या बताएंगे इन्हे तो मैंने अपने बारे में कभी कुछ बताया ही नहीं
काजल :- मतलब अनन्या मुझे झूठी कहानी सुनती है
अनन्या :- नहीं मैंने कोई झूठी कहानी नहीं बताई मैंने जो भी बताया है वह सब सच है
काजल :- अच्छा
अनन्या :- हाँ अगर विस्वस नहीं तो मैंने जो भी बताया है वह इनसे पुछ लो
अमन :- आपलोग क्या बात कर रहे हैं कौन सी बात की बात कर रहे हैं
काजल :- अमन जी आपको मसीनो से बहुत लगाव है
अमन :- हाँ
काजल :- आपको घूमना भी बहुत पसंद है
अमन :- हाँ
काजल :- मतलब आपको अनन्या जैसी लंबी लड़की भी पसंद है, है न
अमन :- क्या आप भी कैसी कैसी सवाल करते हैं
काजल :- यह सब मै नहीं बोल रही यह तो अनन्या बोल रही है मतलब यह आखरी वाला छोड़ कर बाकी सब अनन्या ही बताई है
अमन :- पर मैंने इन्हे कभी कुछ नहीं बताया और अनन्या जी के बारे मे तो मैंने कभी कहीं कुछ लिखा ही नहीं है। फिर अनन्या की तरह लंबी लड़की यह कहाँ से आ गया
काजल :- यह तो आप अनन्या से ही पूछिए
अनन्या :- चलो यह सब बंद करो
अमन :- अनन्या जी आपने मेरी डायरी पढ़ी क्या
अनन्या :- कभी आपने दिया है क्या
अमन :- नहीं पर
अनन्या :- पर क्या आपने दिया नहीं तो मै पढ़ूँगी कैसे
अमन :- फिर आपने काजल जी को यह सब कैसे बताया
अनन्या :- ओ, ओ तो मै चेहरा देख कर लोगों के बारे मे बता सकती हूँ
अमन :- सचमे
काजल :- अरे नहीं यार यह फेकू है हर वक्त फेकती रहती है इसे कोई चेहरा वहरा देखने नहीं आता आपको ऊल्लू बना रही है
अमन :- फिर ओ बातें
काजल :- ओ, ओ तो आपकी डायरी पढ़ कर ही बोल रही है
अमन :- पर मैंने इन्हे अपनी डायरी नही दिया
अनन्या :- अरे यार जाने दो न यह बोल रहे हैं न की इन्होंने नहीं दिया
काजल :- आप लाइब्रेरी से कुछ देर के लिए बाहर जाते है हर दिन शायद नासते के लिए और उस वक्त जब आप अपना पेट भर रहे होते हैं तब यह आपकी बैग से डायरी निकाल कर पढ़ती है और सिर्फ 10 मिनट और ओ सब मुझे बताती है
अमन :- अनन्या जी यह क्या है
अनन्या :- अमन की बात काटते हुए बोली लो हमलोग पहुच गए और ठंडी ठंडी आइस क्रीम भी दिख रही है चलो खाते हैं
फिर तीनों वही आइस क्रीम खाने लगे
काजल :- वाह आज कितना सुहान मौसम है
अनन्या :- हाँ वाकई आज बहुत सुंदर मौसम है और थोड़ा स्पेशल भी
अमन :- स्पैशल कैसे
अनन्या :- साथ मे आप जो आए हैं
अमन :- संध्या
अनन्या :- अभी कहा संध्या हुई है
इतने बोलने से पहले ही अमन वहाँ से दौड़ कर काही जाने लगा अनन्या बोली अमन कहाँ जा रहे हैं,
अमन :- थोड़ी आगे जाकर रुक गया 3 – 4 लड़किया थी तब तक अनन्या भी वहाँ पहुच गई, यमन उन लड़कियों के पास जाकर खड़ा हो गया ओ सारी लड़किया इसे देखने लगी
अमन :- हफ्ते हुए बोल आप संध्या हैं
ओ लड़की :- आप अमन हैं
अमन :- ना कुछ सोचा ना समझा और उसे गले से लगा लिया सब देखने लगे अनन्या और काजल भी एक टक देखती रह गई यह क्या हो रहा है और यह संध्या कौन है
वह लड़की :- थोड़ी देर बाद वह धीमी आवाज मे बोली मै संध्या नहीं कविता हूँ संध्या की छोटी बहन
अमन :- पीछे होते हुए बोल आप संध्या नहीं है
वह लड़की :- नहीं मै उनकी छोटी बहन हूँ
अमन :- फिर आपको मेरा नाम कैसे पता
ओ लड़की :- दीदी मुझे आपके बारे मे सब कुछ बताई है
अमन :- तो संध्या कहाँ है
ओ लड़की :- कुछ नहीं बोली
अमन :- आपकी दीदी कहाँ है क्या आप बता सकती हैं
ओ लड़की :- कोरोना की पहली लहर मे दीदी की मौत हो गई
मध्यांतर
अमन :- वहीं घुटने के बाल बैठ गया , नहीं एस नहीं हो सकता
वह चारों लड़किया वहाँ से निकाल गई अमन रोने लगा लोगों भीड़ लगने लगी
अनन्या :-अमन संभालों खुदकों
अमन :- नहीं ऐसा नहीं हो सकता उन्हे कुछ नहीं हो सकता
काजल और अनन्या उसे वहाँ से उठाकर साइड मे बैठाई धीरे धीरे लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी
अमन :- संध्या की बहन कहा गई
अनन्या :- वह तो चली गई
अमन :- कहाँ चली गई
अमन तुरंत खड़ा हुआ और इधर उधर ढूँढने लगा हर तरफ ढूंढा पर उसका काही पता नहीं चला
अमन :- अभी तो यही थी कहाँ चली गई
अनन्या :- अब कहाँ ढूँढे उसे
अमन :- वही साइड मे बैठ गया
अनन्या और काजल भी साथ मे बैठे
अनन्या :- यह संध्या कौन है
अमन :- नहीं मुझे विस्वस नहीं यह पका संध्या ही थी वही आंखे वही हईट वही राउन्ड वाला चसम नहीं यह वही है
काजल :- जुड़वा बहन होगी शायद
अमन :- हाँ जुड़वा हो सकती है पर वही आँखे वही चशमा, नहीं मेरा दिल कहता है यह वही है’ और मैंने 2 महीने पहले ही उसे यूट्यूब पे अनलाइन क्लास मे देखा था मैंने बहुत कोशिश किया था उस वक्त भी कान्टैक्ट करने की पर नहीं हुआ था और फिर अगर वह जुड़वा बहन थी तो वह मुझे पहचान कैसे ली संध्या के पास तो मेरा फोटो भी नहीं था नहीं यह संध्या ही थी मुझे ढूँढना होगा अमन वापिस उठा और हर तरफ ढूँढने लगा उसके पीछे अनन्या और काजल भी बहुत ढूँढे पर वह नहीं मिली
फिर यह तीनों अपने अपने रूम चले गए
इधर अमन संध्या के बारे मे सोच रहा है ओर उधर अनन्या अमन के बारे मे, वह तो अमन से कुछ बात करने गई थी न फिर यह बीच मे संध्या कहा से आ गई और आखिर कौन है यह संध्या
उस दिन के बाद हपते दिन तक अमन लाइब्रेरी नहीं गया
अनन्या :- परेशान हो रही है आखिर वह लाइब्रेरी आ क्यों नहीं रहा है उसका फोन नंबर भी नहीं है मेरे पास जो कॉल करती
अमन :- अगर वह सचमे संध्या थी तो मुझसे झूठ क्यों बोली
जब एक हपते निकल गए तो अनन्या लाइब्रेरी ऑफिस जाकर वहाँ से अमन का नंबर ली और कॉल की
अनन्या :- आमन को कॉल की हैलो
अमन :- हैलो कौन
अनन्या :- मै अनन्या बोल रही हूँ
अमन :- हाँ अनन्या जी काहिए कैसे हैं
अनन्या :- मै ठीक हूँ पर आप लाइब्रेरी क्यों नहीं आ रहे
अमन :- मेरी तवीयत थोड़ी ठीक नहीं है
अनन्या :- क्या हुआ आपको
अमन :- कुछ नहीं बस ऐसे ही
अनन्या :- कल लाइब्रेरी आइएगा क्या
अमन :- देखता हूँ
अनन्या :- अमन जी आपसे एक बात पूछना था
अमन :- हाँ पूछिए
अनन्या :- वह संध्या कौन है
अमन :- मेरी दोस्त है
अनन्या :- दोस्त या प्रेमिका
अमन :- नहीं दोस्त ही है
अनन्या :- पर गंगा किनारे आपकी जो मैंने हरकत देखी उससे मै क्या कोई भी बता सकता है की प्रेम है या दोस्ती
अमन :- कभी फुरसत मे आपको मै सब बताऊँगा
अनन्या :- पता है उस वक्त मैंने क्या महसूस किया आप उनसे बहुत प्यार करते हैं
अमन :- ओ सब छोड़िए अभी मुझे एक बात समझ नहीं आ रही आखिर वह मुझसे झूठ क्यों बोली
अनन्या :- अच्छा अमन जी आप पहली बार उनसे कहाँ मिले थे क्या वह भी बिहार की है
अमन :- नहीं वह बिहार की नहीं हरियाणा की है
अनन्या :- फिर वह यहाँ कैसे
अमन :- अनन्या जी सुनिए न मै आपको सब बताऊँगा पर अभी नहीं, अभी आप मेरी मदद कीजिए कैसे भी हो मुझे उन्हे ढूँढना है
अनन्या :- अगर मुझसे होता तो मै आपकी पूरी मदद करती अमन जी पर मै कैसे आपकी मदद करू
अमन :- वही तो मुझे भी नहीं समझ आ रहा कैसे ढूँढे ओ तो तूफान की तरह आई और बिजली की तरह चली गई
अनन्या :- अच्छा अमन जी आप उनसे मिलके क्या कीजिए
अमन :- सच जानना है आखिर क्यों वह मुझसे झूठ बोली क्या वजह है
अनन्या :- अगर वापिस वह वही बोली तो
अमन :- तो मै सच ढूँढूँगा क्योंकि मुझे इतना तो पता है की वही संध्या थी और वह मुझसे झूठ बोली है मुझे लगता है वह किसी परेशानी मे है क्योंकि ओ मुझसे ऐसे झूठ नहीं बोल सकती
अनन्या :- यह भी तो हो सकता है की वह अब आपसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती हों
अमन :- हाँ हो सकता है पर ओ वैसी लड़कियों मेसे नहीं है अगर उन्हे मेरे साथ रिश्ता नहीं रखना होता तो वह बोल देती जो भी बात होता है वह मुंह पे डायरेक्ट बोलती है
अनन्या :- आपके कहने का मतलब है या तो वह किसी परेशानी मे है या कोई और बात है
अमन :- हैं
अनन्या :- तो उन्हे कैसे ढूँढे कोई उपाय
अमन :- फिलहाल तो नहीं है लेकिन अगर नहीं हुआ तो मै दिल्ली जाऊंगा
अनन्या :- पर ओ तो हरियाणा से है न तो दिल्ली से कैसे पता चलेगा
अमन :- अनन्या जी माँ कॉल कर रही है
अनन्या :- अच्छा आप बात कीजिए और अमन जी कल ग्राउन्ड मे मिलते हैं न
अमन :- जी ठीक है पर अभी फिलहाल माँ कॉल कर रही है
अमन :-अपनी मा से बात किया और फिर कॉल कट गया
अगली सुबह दोनों ग्राउन्ड मे बैठे थे और बात कर रहे थे अमन के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया हैलो यमन बोल रहे हैं
अमन :- हाँ पर आप कौन
वह बोली :- मै संध्या
जैसे ही सुन संध्या कुछ देर तक अमन पूरा खामोश हो गया फिर उधर से आवाज आया हैलो
अमन :- हाँ
ओ बोली :- मै आपसे मिलन चाहती हूँ
अमन :- कहाँ है आप
वह बोली :- मै दिल्ली सिटी हॉस्पिटल मे हूँ मेरे पास समय बहुत कम है अगर तुम कुछ घंटे मे किसी तरह आ जाते तो बहुत अच्छा होता मै आखरी बार तुमसे मिलना चाहती थी
अमन :- आखरी बार,, यह आप क्या बोल रही हैं और आप अस्पताल मे क्या कर रहे हैं क्या हुआ है आपको
ओ बोली :- मेरे पास समय बहुत काम है और मै आपको देखना चाहती हूँ कैसे भी आप 2-3 घंटे मे आ जाइए, दिल नहीं मन तो आपको कॉल की हूँ
इतना बोलते ही ओ वह खाँसने लगी
अमन :- संध्या जी संध्या जी क्या हुआ आपको
उधर से कोई जवाब नहीं आया फोन कट गया
अनन्या :- कैसे कीजिएगा अब
अमन :- कैसे भी हो जाना होगा
अनन्या :- पर कैसे जाइएगा किसी भी चीज से 8 घंटे से ज्यादा लगेंगे काम नहीं
अमन :- नहीं एक रास्ता है 2 घंटे मे पहुचने का
अनन्या :- कौन स रास्ता
अमन :- हवाई जहाज
अमन :- मोबाईल मे पटना से दिल्ली के लिए हवाई जहाज देखा
अनन्या :- मिला क्या
अमन :- हाँ पर
अनन्या :- पर क्या
अमन :- किराया बहुत ज्यादा है और मेरे पास उतने पैसे नहीं हैं
अनन्या :- जितना पैसा लगेगा मै दूँगी
अमन :- पर आप
अनन्या :- टाइम पास मत कीजिए चलिए बाद मे जब आपके पास पैसा होगा दे दीजिएगा और साथ में भी चलूँगी आप कोई सवाल नहीं करेंगे
भाग 3 आगे है
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Lavkush kumar mehta
You have to read intresting story
mehtapradeep6625
deepakmehta89830
Bhut khub
Description in detail *
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